ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की विशेष पूजा करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Mon, 03 Jun 2024 02:55:42 PM (IST)
Updated Date: Mon, 03 Jun 2024 02:55:42 PM (IST)
HighLights
- तीन तिथियों के एक साथ पड़ने से यह दिन बहुत शुभ माना जा रहा है।
- इस शुभ अवसर पर अधिक से अधिक धार्मिक कार्यों में अपना मन लगाएं।
- मासिक शिवरात्रि की पूजा समय रात्रि 11.59 बजे से 12.40 बजे तक रहेगा।
धर्म डेस्क, इंदौर। Lord Shiv Puja: भगवान शिव की पूजा सच्चे मन से करने से हर मनोकामना पूरी होती है। प्रदोष और मासिक शिवरात्रि का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। इस बार दोनों व्रत एक ही दिन पड़ रहे हैं। यह भोलेनाथ को अतिप्रिय हैं। इसके साथ ही दूसरा बड़ा मंगल भी इसी तिथि को मनाया जाएगा। ऐसे में इन तीन तिथियों के एक साथ पड़ने से यह दिन बहुत शुभ माना जा रहा है। ऐसे में इस दिन किसी विशेष मुहूर्त की जरूरत नहीं होगी।
इस शुभ अवसर पर अधिक से अधिक धार्मिक कार्यों में अपना मन लगाएं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। आइए, जानते हैं कि इस दिन की सही तिथि और पूजन समय क्या है।
प्रदोष व्रत तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 4 जून 2024 को दोपहर 12.18 बजे होगी। यह तिथि 4 जून को रात 10.01 बजे समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार, इस बार प्रदोष व्रत 4 जून को रखा जाएगा। भौम प्रदोष की पूजा का समय शाम 7.16 बजे से रात 9.18 बजे तक रहेगा। मासिक शिवरात्रि की पूजा समय रात्रि 11.59 बजे से 12.40 बजे तक रहेगा।
मासिक शिवरात्रि तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 4 जून को रात 10.01 बजे शुरू होगी। यह 5 जून 2024 को 07:54 बजे समाप्त होगी। निशिता काल में शिवरात्रि पूजा अधिक शुभ मानी जाती है।
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