भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में कृष्णी कन्हैया की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। इस दिन कुछ कार्यों को करने से साधक को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
By Ekta Sharma
Publish Date: Fri, 23 Aug 2024 07:49:25 AM (IST)
Updated Date: Fri, 23 Aug 2024 11:44:28 AM (IST)
HighLights
- जन्माष्टमी को भगवान कृष्ण के जन्म के रूप में मनाया जाता है।
- इस शुभ अवसर पर विधिपूर्वक श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है।
- ऐसे में इस दिन कोई भी ऐसा कार्य न करें, जो अपशकुन हो।
धर्म डेस्क, इंदौर। Janmashtami 2024 Date: हर साल बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। घरों से लेकर मंदिरों तक धूमधाम से इस पर्व को मनाया जाता है। हर जगह इसे लेकर उल्लास देखने को मिलता है।
जन्माष्टमी को भगवान कृष्ण के जन्म के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि बाल गोपाल का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस साल जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त को मनाया जाने वाला है। इस दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
न करें भगवान की पीठ के दर्शन
कहा जाता है कि इस दिन मंदिर में श्री कृष्ण की पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए। मायावी असुर कालयवन के पुण्य समाप्त करने के लिए भगवान कृष्ण ने उसे अपनी पीठ दिखाई थी यही कारण है कि श्री कृष्ण की पीठ के दर्शन से व्यक्ति के पुण्य काम नष्ट हो जाते हैं।
तुलसी के पत्ते न तोड़ें
भगवान श्री कृष्ण, विष्णु का पूर्ण अवतार माने जाते हैं। ऐसे में जन्माष्टमी पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, क्योंकि विष्णु जी को तुलसी अति प्रिय है। इस दिन तुलसी की विशेष पूजा करें और श्री कृष्ण को भी तुलसी दल अर्पित करें।
न करें इन चीजों का सेवन
जन्माष्टमी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। जिस तरह एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित माना जाता है। उसी तरह जन्माष्टमी पर भी चावल या जौ से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
तामसिक चीजों से दूर रहें
जन्माष्टमी के दिन लहसुन प्याज या तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन मांस-मदिरा से भी दूर रहना चाहिए। अगर आप जन्माष्टमी का व्रत नहीं रख रहे हैं, तो भी आपको इन चीजों से परहेज करना चाहिए।
काले रंग की चीजें न करें अर्पित
जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को किसी भी तरह की काले रंग की चीज अर्पित ना करें। काले वस्त्र पहन कर भी पूजा नहीं करनी चाहिए। यह रंग अशुभता का प्रतीक माना जाता है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’