बढ़ती उम्र में लो ब्लड प्रेशर के कारण,- Badhti umra mei low blood pressure ke karan


बुजुर्गो के खानपान से लेकर उनके उठने बैठने का तरीका भी लो ब्लड प्रेशर का कारण साबित होता है। एक अध्ययन में पाया गया कि 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के 10 प्रतिशत से अधिक बुजुर्ग इस स्थिति से पीड़ित हैं।

बढ़ती उम्र के साथ बढ़ते स्वास्थ्य जोखिमों में ब्लड प्रेशर का अचानकर गिरना भी एक खतरनाक मेडिकल कंडीशन है। लंबे वक्त से स्वास्थ्य संबधी समस्याओ से जूझ रहे जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा को इसी माह 7 अक्टूबर 2024 को लो ब्लड प्रेशर के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बीती शाम उनके निधन की खबर से दुनिया भर में उनके चाहने वाले शोक में हैं। असल में निम्न रक्तचाप (low blood pressure) बुजुर्गों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य मुद्दा है, जो कभी-कभी घातक साबित हो सकता है। अपने एजिंग पेरेंट्स (Low blood pressure in old age) की सेहत के लिए आपको भी लो ब्लड प्रेशर और उससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जानना चाहिए।

रक्तचाप कम होने पर रतन टाटा को करवाया गया था अस्पताल में भर्ती (Ratan Tata death cause)

उद्योगपति रतन टाटा को अचानक ब्लड प्रेशर कम होने के बाद मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के आइसीयू में भर्ती करावाया गया था। इस बारे में बातचीत करते हुए आर्टिमिस अस्पताल गुरूग्राम में सीनियर फीज़िशियन डॉ पी वेंकट कृष्णन का कहना है कि 70 की उम्र के बाद दिल की कमज़ोरी बढ़ने लगती है, जो लो ब्लड प्रेशर (Low blood pressure in old age) होने का मुख्य कारण साबित होता है। इसके अलावाऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन भी इस समस्या का कारण बनता है। साथ ही शरीर में डिहाइड्रेशन के बढ़ने से भी लो ब्लड प्रेशर का सामना करना पड़ता है।

ऐसे में 70 की उम्र के बाद रोज़ाना एक बार ब्लड प्रेशर (Low blood pressure in old age) अवश्य चैक करें। सिस्टोलिक प्रेशर (Systolic pressure) 100 से 140 तक होना चाहिए और डायस्टोलिक प्रेशर (Diastolic pressure) 70 से लेकर 90 तक नॉर्मल माना जाता है। अगर इसमें कुछ भी उतार-चढ़ाव बढ़ रहा है, तो जल्द डॉक्टर से संपर्क करें और स्वास्थ्य की जांच करवाएं। अन्यथा इससे हृदय संबधी रोगों और सेप्सिज़ समेत अन्य संक्रमणों का खतरा बना रहता है।

low blood pressure ka kaise pata lagayein
रोज़ाना एक बार ब्लड प्रेशर अवश्य चैक करें। सिस्टोलिक प्रेशर 100 से 140 तक होना चाहिए और डायस्टोलिक प्रेशर 70 से लेकर 90 तक नॉर्मल माना जाता है।। चित्र : अडॉबीस्टॉक

बढ़ती उम्र के साथ बढ़ जाता है लो ब्लड प्रेशर का जोखिम (low blood pressure by age)

बुजुर्गो के खानपान से लेकर उनके उठने बैठने का तरीका भी लो ब्लड प्रेशर का कारण साबित होता है। दरअसल, रक्तचाप में अचानक गिरावट को ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन यानि ओएच कहा जाता है। इसे पोस्टुरल हाइपोटेंशन (Postural hypotension) के रूप में भी जाना जाता है। नेशनल हार्ट लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट के अनुसार वे लोग जो बुजुर्ग हैं, उन्हें अचानक बैठने या फिर लेटने के बाद खड़े होने पर भी चक्कर आने और कमज़ोरी का सामना करना पड़ता हैं। इसके अलावा वे लोग जो हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं लेते है। उसके साइड इफेक्ट के तौर पर भी लो ब्लड प्रेशर का सामना करना पड़ता है। जर्नल ऑफ़ फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के 10 प्रतिशत से अधिक बुजुर्ग इस स्थिति से पीड़ित हैं।

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ब्लड प्रेशर को दो तरीके से मापा जाता है। पहला जब हृदय धड़कता है और दूसरा दिल की धड़कनों के बीच आराम की अवधि। सिस्टोलिक (systolic) दबाव या सिस्टोल रक्त को धमनियों के माध्यम से पंप करने का माप है। सिस्टोल की मदद से शरीर को रक्त पहुंचाया जाता है। डायस्टोलिक (Diastolic) दबाव या डायस्टोल आराम की अवधि के लिए माप है। डायस्टोल कोरोनरी आर्टरीज़ को भरकर हृदय को रक्त की आपूर्ति करता है।

निम्न रक्तचाप या लो प्रेशर के स्वास्थ्य जोखिम (Health risks of low blood pressure)

नेशनल हार्ट लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट के अनुसार निम्न रक्तचाप तब होता है जब ब्लड रक्त वाहिकाओं में सामान्य दबाव से कम पर बहता है। लो ब्लड प्रेशर को हाइपोटेंशन भी कहा जाता है। इससे चक्कर आना, थकान और कमज़ोरी बढ़ने लगता है। खासतौर से बुजुर्गो में लो ब्लड प्रेशर (Low blood pressure in old age) की समस्या बनी रहती है। इससे हृदय और मस्तिष्क दोनों को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा नर्वस सिस्टम और अन्य ऑर्गन्स को भी इससे नुकसान बढ़ने लगता है।

खासतौर से बुजुर्गो में लो ब्लड प्रेशर की समस्या बनी रहती है। इससे हृदय और मस्तिष्क दोनों को नुकसान पहुंच सकता है।

रक्तचाप कम होने या लो ब्लड प्रेशर के संकेत (Low blood pressure signs)

  • बार- बार चक्कर आना और कंफ्यूजन का बढ़ना
  • आंखों के सामने धुंधलापन बढ़ना और फोकस करने में कठिनाई
  • बहुत ज्यादा थकान और कमज़ोरी का महसूस होना
  • उल्टी आना और सिर में दर्द की शिकायत
  • शरीर का एकदम ठंडा हो जाना
  • सांस लेने में तकलीफ का सामना करना
  • गर्दन और कमर में दर्द की समस्या बने रहना

ब्लड प्रेशर अचानक गिर जाने पर क्या हो सकता है घरेलू उपचार (low blood pressure emergency treatment at home)

1. पानी में तुलसी की पत्तियों को उबालकर पीएं

तुलसी की पत्तियों में पोटैशियम और मैग्निशियम की उच्च मात्रा पाई जाती है। इन मिनरल्स की मदद से ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद मिलती हैं। तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर पीने के अलावा उन्हें चबाकर खाने से भी शरीर को फायदा मिलता है।

2. ग्रीन टी का सेवन करें

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी से शरीर को विटामिन और मिनरल्स की प्राप्ति होती है। इससे हार्मोन का संतुलन बढ़ने लगता है और शरीर ऑक्सीडेटिव तनाव से बच सकता है। इससे आर्टिरीज के संकुचन से बचा जा सकता है और ब्लड का प्रवाह उचित रहता है।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी से शरीर को विटामिन और मिनरल्स की प्राप्ति होती है। इससे हार्मोन का संतुलन बढ़ने लगता है

3. कैफीन युक्त ड्रिंक्स लें

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए कैफीन युक्त ड्रिंक्स की मदद लें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने लगता है और रक्त का प्रवाह मसल्स, हृदय और नर्वस में बढ़ जाता है। इसको मॉडरेट ढ़ग से पीने से शरीर को फायदा मिलता है।

लो ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के लिए ये याद रखें ये जरूरी बातें (Lifestyle changes to manage low blood pressure)

1. पानी भरपूर मात्रा में पिएं

शरीर में निर्जलीकरण की समस्या लो ब्लड प्रेशर का कारण साबित होती है। शरीर को हाइड्रेट रखने से रक्तचाप को उच्च रखने में मदद मिलती है और इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस बना रहता है। इससे चक्कर आना और डायरिया के खतरे से बचा जा सकता है। जर्नल ऑफ़ हुमेन हाइपोटेनशन के मुताबिक वे लोग जो निर्जलीकरण का शिकार रहते है, उनके शरीर में ऑक्सीजन की कमी बढ़ जाती है। इससे खून का प्रवाह कम हो जाता है, जो लो ब्लड प्रेशर का कारण साबित होता है।

2. खानपान का बहुत ध्यान रखें

उम्र के साथ पाचनतंत्र धीमा होने लगता है। ऐसे में शरीर को स्वस्थ रखने और लो ब्लड प्रेशर से बचने के लिए डायटीशियन की सलाह में आहार लें। आहार में मीठा, नमकीन और खट्टा सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इससे शरीर को उच्च पोषणर की प्राप्ति होती है। अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल न्यूत्ट्रीशन के रिपोर्ट के मुताबिक शरीर में विटामिन बी 12 और फेलेट शामिल करने से रेड ब्लड सेल्स की मात्रा बढ़ने लगती हैं। इसके सेवन से खून की कमी को दूर करके लो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है।

बुजुर्ग व्यक्तियों की डाइट प्लान करते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान। । चित्र : अडोबी स्टॉक

3. हल्के व्यायाम करवाएं

डीप ब्रीदिंग के अलावा वॉकिंग व योगासनों का भी अभ्यास करें। इससे मांसपेशियों की मज़बूती के साथ साथ ब्लड सर्कुलेशन नियमित बना रहता है। नियमित रूप से दिन में दो बार मेडिटेशन और व्यायाम के लिए 15 मिनट का समय निकालें। इससे शरीर में ताज़गी बनी रहती है।

4. उन्हें तनाव से बचाएं

अधिकतर बुजुर्गों में चिंता और तनाव लो ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ा देते है। ऐसे में भावनात्मक परिस्थितियों से बचें और अन्य कार्यों में डायवर्ट कर लें। इससे मन और मस्तिष्क हेल्दी और एक्टिव बना रहता है। चिंतिंत रहने से लो ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन का खतरा बना रहता है।

क्या करें अगर आपके पेरेंट्स का ब्लड प्रेशर अचानक गिर जाए (low blood pressure emergency treatment at home)

अगर घर के किसी बुजुर्ग व्यक्ति का ब्लड प्रेशर अचानक गिर गया है, तो उसे लिटाएं और पैरों को उपर की ओर उठाएं। इससे शरीर मे ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके बाद शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस के लिए नमक वाला पानी पीएं। शरीर को आराम दें और दिनभर में कुछ वक्त व्यायाम के लिए अवश्य निकालें।

क्यों जरूरी है अपने एजिंग पेरेंट्स के ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करना ()

1 समस्या की जानकारी मिलना

60 से 70 की उम्र में इंसान के शरीर में हृदय समेत कई समसयाओं का खतरा बना रहता है। ऐसे में नियमित रूप से बीपी चेक करने से किसी भी समस्या की शीघ्र जानकारी प्राप्त हो सकती है। अधिकतर मामलों में शरीर में बढ़ने वाले सक्रमण के चलते सेप्सिस का जोखिम बढ़ जाता है और कई बार पोषक तत्वों की कमी बनी रहती है। ऐसे में समस्या की जानकारी मिल पाती है।

लो ब्लड प्रेशर के कारण हृदय तेजी से ब्लड को पंप करने की कोशिश करता है। इससे हार्ट फेलियर और हार्ट डैमेज का खतरा बना रहता है।चित्र : अडॉबीस्टॉक

2 खून की कमी का पता चलना


किसी दुर्घटना के कारण शरीर में खून की कमी बढ़ने से लो ब्ल्ड प्रेशर का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा निर्जलीकरण भी खून की कमी का कारण बनने लगती है। 50 साल की उम्र के बाद अधिकतर लोगों को लो ब्लड प्रेशर का सामना करना पड़ता है।

3 हृदय रोगों की जानकारी

लो ब्लड प्रेशर के कारण हृदय तेजी से ब्लड को पंप करने की कोशिश करता है। इससे हार्ट फेलियर और हार्ट डैमेज का खतरा बना रहता है। इससे डीप वेन थ्रोम्बोसिस और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का जोखिम रहता है।



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