नूरजहां आम के पेड़ों को बचाने के उपाय | इस अनमोल फल की खासियत

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नूरजहां आम के पेड़ बचाने के लिए किए जाएंगे संरक्षण

एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में उगाए जाने वाले नूरजहां आम इस साल बेहतर पैदावार और फल के बड़े आकार के कारण अधिक मिल रही है। नूरजहां आम की कीमत 500 रुपये से 1,000 रुपये प्रति फल है। एक किसान ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार इस किस्म के आमों की पैदावार अच्छी हुई है क्योंकि मौसम अनुकूल रहा है। इशाक मंसूरी ने बताया कि, कोविड-19 महामारी ने व्यवसाय पर असर डाला है। 2020 में प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के कारण ‘नूरजहां’ के पेड़ सही से फूल नहीं दे पाए, लेकिन इस बार इस किस्म की फसल अच्छी रही है।

अफगानी मूल के ‘नूरजहां’ आम

एमपी के अलीराजपुर जिले के दुर्लभ “नूरजहां” आम के गिने-चुने पेड़ बचे हैं। इस बाग में तीन नूरजहां आम के पेड़ों ने 250 आम उत्पन्न किए हैं। इन आमों की बुकिंग पहले ही हो चुकी है। अब आम की इस ख़ास प्रजाति को आने वाली पीढ़ियों के लिये बचाने के प्रयास में वैज्ञानिक लगे हैं। अफगान मूल की मानी जाने वाली नूरजहां आम की किस्म अपने बड़े आकार के लिए जानी जाती है जिसका वजन 3.5 किलोग्राम से 4.5 किलोग्राम के बीच होता है। बाजार में इसकी कीमत 1000 रुपये से 1200 रुपये प्रति किलो तक है।

नूरजहां आम की खासियत

नूरजहां आम बुंदेलखंड और बघेलखंड के क्षेत्र में अधिकतर पाया जाता है। यह अपने स्वाद, मिठास आकार और वजन के लिए प्रसिद्ध है। नूरजहां के एक फल का वजन साढ़े तीन से चार किलो तक होता है। इस कारण इसकी डिमांड मार्केट में बहुत ज्यादा है। नूरजहां आम को साल 1999 और 2010 में नेशनल अवॉर्ड और किंग ऑफ मैंगो से सम्मानित किया जा चुका है। 

नूरजहां आम का संरक्षण

बागवानी विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा अलीराजपुर ज़िले के कट्ठी क्षेत्र में नूरजहां के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक प्रयास तेज किए जाने चाहिए। यह चिंता का विषय है कि इस आम के बहुत ही कम पेड़ बचे हैं। संभाग आयुक्त ने उद्यानिकी विभाग को टिश्यू कल्चर की मदद से नये पौधे तैयार करने को कहा है। उद्यानिकी विभाग की समीक्षा बैठक में अलीराजपुर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. आरके यादव ने बताया, नूरजहां आम के केवल 10 फल देने वाले पेड़ बचे हैं और विलुप्त नहीं होंने देंगे। 

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