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    Swiggy IPO: स्विगी आईपीओ को लेकर जो भी मन में हैं सवाल, जानें उनके जवाबखाद्य एवं किराना डिलीवरी कंपनी स्विगी का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बुधवार या छह नवंबर, 2024 को खोला जाना है। ये आईपीओ विंडो आठ नवंबर को बंद होगी। इसके लिए 11,300 करोड़ रुपये के आईपीओ का मूल्य दायरा 371 रुपये से 390 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। बाजार पर्यवेक्षकों के अनुसार, वर्तमान में ग्रे मार्केट की गतिविधि आईपीओ में कम रुचि का संकेत देती है क्योंकि स्विगी के गैर-सूचीबद्ध शेयर केवल 4.87 प्रतिशत प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं। बता दें कि स्विगी का आईपीओ 6 नवंबर से 8 नवंबर के बीच सार्वजनिक सदस्यता के लिए उपलब्ध होगा। आवंटन 11 नवंबर को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद शेयरों की लिस्टिंग 13 नवंबर को बीएसई और एनएसई दोनों पर होगी। आईपीओ का मूल्य 371 रुपये से 390 रुपये के बीच प्रति शेयर तय किया गया है। लॉट साइज 38 शेयरों का तय किया गया है। खुदरा निवेशकों को कम से कम 38 शेयरों वाले एक लॉट या 38 शेयरों के गुणकों में आवेदन करना होगा। छोटे एनआईआई के लिए न्यूनतम लॉट साइज निवेश 14 लॉट (532 शेयर) है, जिसकी राशि 2,07,480 रुपये है, और बड़े एनआईआई के लिए यह 68 लॉट (2,584 शेयर) है, जिसकी राशि 10,07,760 रुपये है। बाजार पर्यवेक्षकों के अनुसार, स्विगी लिमिटेड के गैर-सूचीबद्ध शेयर वर्तमान में ग्रे मार्केट में अपने निर्गम मूल्य से मात्र 19 रुपये अधिक पर कारोबार कर रहे हैं। 19 रुपये के ग्रे मार्केट प्रीमियम या जीएमपी का मतलब है कि ग्रे मार्केट को सार्वजनिक निर्गम से 4.87 प्रतिशत लिस्टिंग लाभ की उम्मीद है। जीएमपी बाजार की भावनाओं पर आधारित है और इसमें बदलाव होता रहता है। ‘ग्रे मार्केट प्रीमियम’ निवेशकों की इश्यू प्राइस से ज़्यादा भुगतान करने की तत्परता को दर्शाता है।  जानकारों की मानें तो स्विगी का आईपीओ 4,500 करोड़ रुपये के नए शेयरों के निर्गम और 6,800 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) का संयोजन है। ओएफएस रूट में शेयर बेचने वाली कंपनियां हैं – एक्सेल इंडिया IV (मॉरीशस) लिमिटेड, एपोलेटो एशिया लिमिटेड, अल्फा वेव वेंचर्स, एलपी, कोट्यू पीई एशिया XI एलएलसी, डीएसटी यूरोएशिया वी बी.वी, एलिवेशन कैपिटल वी लिमिटेड, इंस्पायर्ड एलीट इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड, एमआईएच इंडिया फूड होल्डिंग्स बी.वी, नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स VII-ए मॉरीशस और […]

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    meesho was selling t shirts with lawrence bishnoi print removed from website after criticism बेहद लोकप्रिय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सुबह से ही चर्चा में बना ह […]

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    सीमा शुल्क अधिकारी वाणिज्यिक धोखाधड़ी के मामलों की जांच एक साल में पूरी करें : CBICनयी दिल्ली । केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सीमा शुल्क अधिकारियों से निर्यात/आयात धोखाधड़ी के मामलों में पत्र/समन जारी करते समय चल रही जांच की विशिष्ट प्रकृति का खुलासा करने और एक साल के भीतर जांच पूरी करने को कहा है। सीबीआईसी ने एक निर्देश में कहा, ‘‘अधिकारियों को वस्तुओं के आयात या निर्यात में कर चोरी की जांच के दौरान एक ‘‘संतुलित’’ दृष्टिकोण बनाए रखना चाहिए ताकि कारोबार सुगमता में व्यवधान से बचा जा सके। इन्हें आमतौर पर वाणिज्यिक आसूचना/धोखाधड़ी (सीआई) मामले कहा जाता है।सीबीआईसी ने कहा, ‘‘ जांच शुरू करने से पहले यह जरूरी है कि सभी सूचनाओं पर गौर किया जाए तथा आयातक/निर्यातक के साथ संपर्क को कम करने के लिए उपलब्ध आंकड़ों की दोबारा जांच की जाए।’’ आयुक्तालय के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आयुक्त किसी भी खुफिया जानकारी, जांच और उसकों विकसित करने तथा अनुमोदित करने के लिए जिम्मेदार होता है। सीबीआईसी ने एक नवंबर को जारी निर्देश में कहा, ‘‘ किसी भी वाणिज्यिक आसूचना/धोखाधड़ी के मामले की जांच जल्द से जल्द निष्कर्ष पर पहुंचनी चाहिए, जो सामान्यतः एक वर्ष से अधिक नहीं होती है।’’सीबीआईसी के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि दिशानिर्देश सीआई धोखाधड़ी मामलों की जांच के दौरान न्यूनतम व्यवधान के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हैं। अग्रवाल ने सीबीआईसी अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ ये उपाय पारदर्शिता बनाए रखने, अनावश्यक देरी को कम करने और अधिक व्यापार-अनुकूल वातावरण बनाने के लिए तैयार किए गए हैं।’’ जांच करने के प्रारंभिक निर्णय के बाद, सीमा शुल्क अधिकारी निर्यातक/ आयातक से दस्तावेज मांग सकते हैं…अधिकतर पत्र लिखकर।इसमें कहा गया, सीआई मामलों में सूचना/दस्तावेज मांगते समय, पत्र/समन में शुरू की जा रही जांच की विशिष्ट प्रकृति का खुलासा किया जाना चाहिए तथा अस्पष्ट (या सामान्य) अभिव्यक्तियों से बचा जाना चाहिए। इसमें कहा गया, ‘‘ जहां भी अनुमति हो, अधिकारी समन किए गए व्यक्ति को अधिकृत एजेंट के माध्यम से उपस्थित होने का विकल्प बताता है।’’ सीबीआईसी ने कहा कि सीमा शुल्क आयुक्त, किसी जारी जांच में ‘‘उचित शिकायत’’ होने पर आयातक/निर्यातक या उसके प्रतिनिधि से मुलाकात […]

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    Ambani-Adani को लगा बड़ा झटका, Top 15 Billionaires की सूची से हुए बाहर, जानें कारणदुनिया के शीर्ष अमीरों की सूची में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इस सूची में भारत के दो उद्योगपति भी शामिल हैं, जिसमें मुकेश अंबानी और गौतम अडानी शामिल है। वहीं अब टॉप 10 बिल्यनेयर की सूची में शामिल नौ अमीरों को बीते 24 घंटों में बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। शेयरों में लगातार हो रही गिरावट के कारण भारत के अमीर उद्योगपतियों पर भी नकारात्मक प्रभाव हुआ है। भारत के अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की नेटवर्थ पर भी इसका असर देखा गया है। दोनों की संपत्ति में गिरावट हुई है, जिस कारण टॉप 15 उद्योगपतियों की सूची से वो बाहर हो गए है। बेजोस और मस्क को भी लगा झटकाअमीरों की सूची में शामिल टॉप 10 उद्योगपतियों को ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक नुकसान हुआ है। एलन मस्क हो या जेफ बेजोस सभी को नुकसान उठाना पड़ा है। एलन मस्क की नेट वर्थ गिरकर 258 अरब डॉलर रह गई है जिसमें 4.39 अरब डॉलर कम हुए है। वहीं जेफ बेजोस की नेटवर्थ की बात करें तो ये 1.94 अरब डॉलर कम होकर 218 अरब डॉलर पर आ गई है। फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग की संपत्ति 2.23 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 199 अरब डॉलर हो गई है। माइक्रोसॉफ्ट के कोफाउंडर बिलगेट्स को फायदाखासबात है कि इस पूरी सूची में फायदा सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट के को फाउंडर बिल गेट्स को हुआ है। शीर्ष 10 अरबपतियों की सूची में शामिल बिल गेट्स की संपत्ति में 373 मिलियन डॉलर बढ़ गए है। उनकी संपत्ति बढ़कर अब 157 अरब डॉलर हो गई है। वहीं लैरी एलिसन को 538 मिलियन डॉलर, बर्नार्ड अर्नाल्ट को 353 मिलियन डॉलर, लैरी पेज को 1.49 अरब डॉलर, सर्गेई ब्रिन को 1.39 अरब डॉलर, स्टीव बाल्मर को 610 मिलियन डॉलर और वॉरेन बफे को 2.76 अरब डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा है। अंबानी और अडानी शीर्ष 15 से बाहरअंबानी और अडानी दोनों ही अमीरों की सूची में शीर्ष 15 की सूची से बाहर हो गए है। दोनों उद्योगपति इस सूची में अब तक शामिल थे। गौरतलब है कि भारतीय शेयर बाजार में आ रही बीते दिनों से कुछ गिरावट के कारण दोनों उद्योगपतियों को नुकसान हुआ है। उद्योगपतियों की कंपनियों के शेयर नीचे गिरे है। शेयर गिरने से संपत्ति में गिरावट आई है। बीते एक महीने के दौरान मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर पांच फीसदी गिरे है। उनकी संपत्ति बीते 24 घंटे में 2.72 अरब डॉलर कम हो गई है। अब वो 17वें सबसे अमीर व्यक्ति के पायदान पर पहुंच गए है। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ बीते 24 घंटों मे 2.06 अरब डॉलर गिरी है। वो अब दुनिया के 18वें सब […]

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    Open AI ने लॉन्च किया अपना ब्राउजर गूगल को मिलेगी कड़ी टक्करकाफी लंबे के समय के बाद OpenAI ने अपने सर्च इंजन SearchGPT को लॉन्च किया है। दरअसल, Se […]

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    भारत को मिली बड़ी सफलता, बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ चीन, जापान, स्विटजरलैंड के बाद चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडारभारत की आर्थिक ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। इसी बीच भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार की श्रेणी में शामिल होने वाला देश बन गया है। भारत इस सूची में चौथे स्थान पर आ गया है। सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद भारत का है। भारत इस सूची में चौथे स्थान पर आ गया है। इससे साफ है कि भारतीय अर्थव्यवस्था हर दिन नए रिकॉर्ड बना रही है। वही एक ऐसा समय था जब भारतीय अर्थव्यवस्था कमजोर मानी जाती थी मगर अब भारत सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी है, जो दूसरे विकासशील देशों के लिए एक मिसाल है। आज भारत न केवल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, बल्कि विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भी एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इतिहास में पहली बार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ऊपर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार एक सप्ताह में 12.588 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर 27 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 704.885 बिलियन अमरीकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, विदेशी मुद्रा के आंकड़े पिछले महीने के शिखर से नीचे आ गए। यह संभावना है कि रिजर्व में हाल ही में आई गिरावट रुपये में तेज गिरावट को रोकने के लिए RBI के हस्तक्षेप के कारण है। विदेशी मुद्रा भंडार का उच्च बफर वैश्विक झटकों से घरेलू आर्थिक गतिविधि को बचाने में मदद करता है। अनुमान के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब अनुमानित आयात के एक वर्ष या उससे अधिक को कवर करने के लिए पर्याप्त है। अनुमान के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब अनुमानित आयात के एक वर्ष या उससे अधिक को कवर करने के लिए पर्याप्त है। विदेशी मुद्रा भंडार, या विदेशी मुद्रा भंडार (एफएक्स रिजर्व), किसी देश के केंद्रीय बैंक या मौद्रिक प्राधिकरण द्वारा रखी गई संपत्तियां हैं। विदेशी मुद्रा भंडार आम तौर पर आरक्षित मुद्राओं में रखे जाते हैं, आम तौर पर अमेरिकी डॉलर और कुछ हद तक यूरो, जापानी येन और पाउंड स्टर्लिंग। आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजारों पर बारीकी से नज़र रखता है और केवल व्यवस्थित बाजार स्थितियों को बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करता है, जिसका उद्देश्य किसी पूर्व-निर्धारित लक्ष्य स्तर या बैंड के संदर्भ के बिना विनिमय दर में अत्यधिक अस्थिरता को नियंत्रित करना है। रुपये के मूल्य में भारी गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई अक्सर तरलता प्रबंधन के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है, जिसमें डॉलर की बिक्री भी शामिल है। एक दशक पहले, भारतीय रुपया एशिया की सबसे अस्थिर मुद्राओं में से एक था। हालांकि, तब से यह सबसे स्थिर मुद्राओं में से एक बन गई है। आरबीआई रणनीतिक रूप से डॉलर खरीद रहा है जब रुपया मजबूत होता है और जब यह कमजोर होता है तो बेच रहा है। कम अस्थिर रुपया निवेशकों के लिए भारतीय परिसंपत्तियों को अधिक आकर्षक बनाता है, क्योंकि वे अधिक पूर्वानुमान के साथ बेहतर प् […]

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    sebi sends notice of rs 130 crore to five entities in reliance home fin misappropriation case प्रतिरूप फोटोANIसेबी ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड से कोष […]

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    Finance Ministry ने आरआरबी के विलय का चौथा चरण शुरू किया, बैंकों की संख्या 43 से घटकर 28 होगीनयी दिल्ली । वित्त मंत्रालय ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के विलय का चौथा चरण शुरू कर दिया है, जिससे ऐसे बैंकों की संख्या वर्तमान में 43 से घटकर 28 हो जाने की संभावना है। वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार खाके के अनुसार, विभिन्न राज्यों में 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय किया जाएगा। आरआरबी का विलय आंध्र प्रदेश (जहां सबसे अधिक चार आरआरबी हैं), उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल (प्रत्येक में तीन) और बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा तथा राजस्थान (प्रत्येक में दो) में किया जाएगा।तेलंगाना के मामले में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक (एपीजीवीबी) की परिसंपत्तियों व देनदारियों को एपीजीवीबी और तेलंगाना ग्रामीण बैंक के बीच विभाजित करने के अधीन होगा। वित्तीय सेवा विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को भेजे पत्र में कहा, ‘‘ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के ग्रामीण विस्तार तथा कृषि-जलवायु या भौगोलिक प्रकृति को देखते हुए तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की विशेष विशेषता अर्थात समुदायों के साथ उनकी निकटता को बनाए रखने के लिए ‘एक राज्य-एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक’ के लक्ष्य को हासिल करने के वास्ते क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को और अधिक समेकित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि व्यापक दक्षता और लागत को युक्तिसंगत बनाने का लाभ मिल सके।’’बयान में कहा गया है कि आगे के समेकन के लिए राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के परामर्श से एक खाका तैयार किया गया है, जिससे आरआरबी की संख्या 43 से घटकर 28 हो जाएगी। वित्तीय सेवा विभाग ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रायोजक बैंकों के प्रमुखों से 20 नवंबर तक टिप्पणियां मांगी हैं।केंद्र ने 2004-05 में आरआरबी के संरचनात्मक समेकन की पहल की थी, जिसके परिणामस्वरूप तीन चरणों के विलय के माध्यम से 2020-21 तक ऐसे संस्थानों की संख्या 196 से घटकर 43 रह गई। इन बैंकों की स्थापना आरआरबी अधिनियम, 1976 के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों, कृषि मजदूरों व कारीगरों को ऋण तथा अन्य सुविधाएं प्रदान करना था। इस अधिनियम में 2015 में संशोधन किया गया जिसके तहत ऐसे बैंकों को केन्द्र, राज्य और प्रायोजक बैंकों के अलावा अन्य स्रोतों से पूंजी जुटाने की अनुमति दी गई। केंद्र की वर्तमान में आरआरबी में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि 35 प्रतिशत तथा 15 प्रतिशत हिस्सेदारी क्रमशः संबंधित प […]

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    Chhath Puja Bank Holiday| छठ पूजा के मौके पर बैंक रहेंगे बंद या खुलेंगे, जानें यहांभारत में कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि से छठ पूजा का त्योहार शुरू हो गया है। तीन दिन के छठ व्रत को कठिन व्रतों में माना जाता है। ये बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है। इस त्योहार में पूजा के दौरान कई ऐसी चीजों का उपयोग होता है जो बेहद खास भी होती है। इस त्योहार को मनाने के लिए कई श्रद्धालु एक साथ जुटते है। बता दें कि पांच नवंबर से शुरू हुई छठ पूजा को देखते हुए कुछ राज्यों में बैंक लगातार चार दिन बंद रहेंगे। इसके बाद वीकेंड होगा, जिसमें दूसरा शनिवार और रविवार शामिल है। इस बार नवंबर के महीने में बैंक करीब 13 दिन बंद रहेंगे। इन दिनों बैंक की भौतिक शाखाएँ बंद रहेंगी, लेकिन ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच प्राप्त होगी। मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन बैंकिंग, एटीएम और अन्य डिजिटल सुविधाएँ चालू रहेंगी और इन सेवाओं में किसी भी तरह की बाधा के बारे में ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया जाएगा। भारतीय रिज़र्व बैंक अवकाशों की वार्षिक सूची प्रकाशित करता है, जिसमें सप्ताहांत (दूसरा और चौथा शनिवार), सभी रविवार, राष्ट्रीय अवकाश और क्षेत्र-विशिष्ट त्यौहार की छुट्टियाँ शामिल हैं। ये त्यौहार की तिथियाँ स्थानीय रीति-रिवाजों और समारोहों पर आधारित होती हैं।  छठ पूजा 2024 की छुट्टियाँ7 नवंबर (गुरुवार): छठ पूजा के शाम के अर्घ्य के लिए बिहार, दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बैंक बंद रहेंगे। 8 नवंबर (शुक्रवार): छठ पूजा के सुबह के अर्घ्य/वांगला महोत्सव के लिए बिहार, झारखंड और मेघालय में बैंक बंद रहेंगे। 9 नवंबर (शनिवार): महीने के दूसरे शनिवार के कारण देशभर में बैंक बंद रहेंगे। (बैंक हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रहते हैं।)10 नवंबर (रविवार): रविवार की छुट्टी होने के कारण बैंक बंद रहेंगे।15 नवंबर (शुक्रवार): मिजोरम, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, चंडीगढ़, उत्तराखंड, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू, उत्तर प्रदेश, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, नई दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और श्रीनगर समेत कई राज्यों और केंद्र शासित प् […]

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    Share Market| अमेरिकी चुनाव से पहले भारतीय शेयर बाजार का हुआ ऐसा हाल, Sensex-Nifty में गिरावट जारीअमेरिका में इस समय नया राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान जारी है। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का असर भारत में भी देखने को मिल रहा है। अमेरिकी चुनावों के साथ ही भारतीय शेयर बाजार में गिरावट जारी रही है। अमेरिका को नया राष्ट्रपति मिलने से पहले बीएसई सेंसेक्स 200.69 अंक या 0.25% गिरकर 78,581.55 पर आ गया है। ऐसा ही हाल एनएसई निफ्टी का भी रहा है, जो 49.60 अंक या 0.21% गिरकर 23,945.75 पर आ गया।  अमेरिकी चुनाव के लिए मतदान पूर्वी तट पर सुबह 5 बजे ईस्टर्न टाइम के आसपास शुरू होगा, जो भारत में IST के अनुसार दोपहर 3:30 बजे के आसपास होगा। इंडियाना और केंटकी के पूर्वी काउंटियों में मतदान शाम 6 बजे ईस्टर्न टाइम पर शुरू होगा, जो भारत में 6 नवंबर, 2024 को सुबह 4:30 बजे इंडिया स्टैंडर्ट टाइम के अनुरूप है। इसका मतलब यह है कि भारतीय शेयर बाजार आज और कल दोनों ही दिनों में अमेरिकी चुनावों से सीधे प्रभावित होगा। इसका मतलब यह है कि भारतीय शेयर बाजार आज और कल दोनों ही दिनों में अमेरिकी चुनावों से सीधे प्रभावित होगा।  सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से अदाणी पोर्ट्स, आईटीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, पावर ग्रिड और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर में सबसे अधिक गिरावट आई। वहीं जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, मारुति और सन फार्मा के शेयरों में तेजी रही। एशियाई बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट तथा हांगकांग का हैंगसेंग फायदे में रहे है।  वहीं दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहा। अमेरिकी बाजार सोमवार को नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.12 प्रतिशत की बढ़त के साथ 75.17 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 4,32 […]

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