India Will Become Giant Power in EV Manufacturing: PM Narendra Modi


पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की बिक्री तेजी से बढ़ी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश में अगले पांच वर्षों में EV की मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ेगी। मोदी ने बताया कि अगर लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी की दोबारा जीत होती है तो EV की मैन्युफैक्चरिंग में काफी बढ़ोतरी होगी। 

उन्होंने एक मीडिया इवेंट में कहा, “आगामी पांच वर्षों में देश में EV की मैन्युफैक्चरिंग में रिकॉर्ड बढ़ोतरी होगी।” मोदी ने कहा कि नए EV मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मार्केट भारत में EV सेगमेंट शुरुआती दौर में है। हालांकि, Tata Motors, Mahindra, MG और Hyundai जैसी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने इस सेगमेंट में अपने व्हीकल लॉन्च किए हैं। 

हाल ही में केंद्र सरकार ने 50 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट करने वाली इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियों को इम्पोर्ट टैक्स में छूट देने का संकेत दिया था। इससे अमेरिकी EV मेकर Tesla की देश में बिजनेस शुरू करने की योजना की रफ्तार बढ़ सकती है। इससे पहले टेस्ला ने सरकार से इस छूट की मांग की थी। Reuters की रिपोर्ट में बताया गया है कि इनवेस्टमेंट और मैन्युफैक्चरिंग की शर्तों को पूरा करने वाली EV कंपनियों को 35,000 डॉलर और इससे अधिक प्राइस वाली इलेक्ट्रिक कारों को 15 प्रतिशत के इम्पोर्ट टैक्स पर सीमित संख्या में इम्पोर्ट करने की अनुमति मिलेगी। देश में इम्पोर्टेड कारों और EV पर उनके प्राइस के अनुसार 70 से 100 प्रतिशत तक का इम्पोर्ट टैक्स लगता है। 

पिछले कुछ वर्षों से टेस्ला के CEO, Elon Musk ने देश में बिजनेस शुरू करने की कोशिशें की हैं। पिछले वर्ष अमेरिका में मस्क ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मीटिंग भी की थी। मस्क का मानना है कि देश में व्हीकल्स पर बहुत अधिक इम्पोर्ट टैक्स है। सरकार की इम्पोर्ट टैक्स घटाने की पॉलिसी से कुछ अन्य इंटरनेशनल EV कंपनियों को भी फायदा होगा। कॉमर्स मिनिस्टर Piyush Goyal ने संवाददातओं को बताया था, “हम इंटरनेशनल कंपनियों को भारत आने का निमंत्रण दे रहे हैं। मुझे विश्वास है कि EV की मैन्युफैक्चरिंग में देश एक ग्लोबल हब बनेगा। इससे रोजगार के अवसर बनेंगे और ट्रेड में बढ़ोतरी होगी।” पिछले वर्ष एक रिपोर्ट में बताया गया था कि अगर सरकार 12,000 व्हीकल्स के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी को घटाती है तो टेस्ला 50 करोड़ डॉलर तक इनवेस्टमेंट करने के लिए तैयार है। सरकार की ओर से अगर 30,000 व्हीकल्स पर इस टैक्स में कमी की जाती है तो टेस्ला का इनवेस्टमेंट दो अरब डॉलर का हो सकता है। 

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