जानिए क्यों हुआ उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन – Idiopathic Pulmonary Fibrosis ke karan, lakshan aur upchar


इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस फेफड़ों की एक गम्भीर बीमारी है। इस बीमारी के चलते ही तबला उस्ताद ज़ाकिर हुसैन साहब का निधन हुआ। क्या है इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस, इसके लक्षण क्या हैं और इससे जुड़े खतरे कितने गम्भीर हैं? आइए जानते हैं।

तबला उस्ताद और अपनी कला से दुनिया भर में प्रसिद्ध कलाकार ज़ाकिर हुसैन साहब का निधन हो गया। डॉक्टरों ने कारण बताया कि उन्हें इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Idiopathic Pulmonary Fibrosis) था, जो फेफड़ों की एक गम्भीर बीमारी है। फेफड़ों में संक्रमण फैलने के कारण यह समस्या जानलेवा हो जाती है। क्या है इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस, इसके लक्षण क्या हैं और इससे जुड़े खतरे कितने गम्भीर हैं? आइए समझते हैं।

क्या हैं इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षण? (Symptoms of Idiopathic Pulmonary Fibrosis)

1. सांस लेने में कठिनाई

शुरू शुरू में इससे पीड़ित व्यक्ति को हल्की सांस फूलने की समस्या होती है जो बाद में बढ़ती चली जाती है। शारिरिक मेहनत करने पर सांस और ज्यादा फूलने लगती है। इस बीमारी के और बढ़ने पर आराम करते वक्त भी आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

2.गले में कफ

इस बीमारी के बड़े लक्षणों में से गले में कफ का जमा होना भी है। इस बीमारी में गले मे कफ एक लंबे समय तक बना रहता है। हालांकि कफ की वजह कोई इंफेक्शन नहीं होती।

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गले में बार-बार कफ जमा होना इसका संकेत हो सकता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

3.थकावट और कमजोरी

अगर आप इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित हैं तो आपको नियमित थकावट और कमजोरी से परेशान होना पड़ सकता है क्योंकि यह बीमारी सांस से सम्बंधित बीमारी है और जब तक फेफड़ों तक सांस पर्याप्त तौर पर नहीं पहुंचेगी आपको इस समस्या से दो चार होना ही पड़ेगा।

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4. वजन कम हो जाना और भूख महसूस न होना

इस बीमारी में ये दोनों लक्षण भी आम है। इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित लोगों को भूख नहीं लगती और इसी वजह से वजन भी घटता रहता है।

क्यों होती है इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस नाम की ये बीमारी? (Causes of Idiopathic Pulmonary Fibrosis)

इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें फेफड़ों के टिश्यूज मोटे और सख्त हो जाते हैं। इसी वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है। सामान्यतः ये क्यों होती है इसके कारणों को लेकर डॉक्टर्स या रिसर्चर्स अभी श्योर नहीं हो सके हैं, इसी वजह से इसे ‘इडियोपैथिक’ कहते हैं।

सामान्यत: यह बीमारी तब होती है जब पॉल्यूशन या अन्य कारणों से हमारे फेफड़े इंफेक्शन का शिकार हो जाते हैं। कई बार धूम्रपान (Smoking) भी इसकी वजह बनता है और कई बार यह बीमारी जिनेटिक भी होती है।

50 से 70 साल की उम्र (Idiopathic Pulmonary Fibrosis age factor) के लोगों में यह बीमारी बहुत आम होती है क्योंकि इस उम्र तक आते आते इंसानों के फेफड़े अपेक्षाकृत कमज़ोर हो जाते हैं। इसके अलावा कई बार कीमोथेरेपी या कुछ खास थेरेपीज की दवाइयों के साइडइफेक्ट्स भी इस बीमारी के जिम्मेदार होते हैं क्योंकि उनका असर सीधे तौर पर फेफड़ों पर होता है।

क्या है इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस का इलाज़ (Treatment of Idiopathic Pulmonary Fibrosis, IPF)

डॉक्टर विवेक चन्द्र श्रीवास्तव के अनुसार इस बीमारी के स्तर पर निर्भर करता है कि इलाज़ किया जा सकता है या नहीं, दूसरा डॉक्टर्स के पास मौजूद ऑप्शन्स क्या क्या हैं। जैसे-

1. ऑक्सीजन (Oxygen Support)

जब फेफड़े पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं दे पाते क्योंकि उन्हें ज्यादा डैमेज हो चुका होता है तब हम मरीज़ को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखते हैं ताकि शरीर में ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी हो सके।

2. व्यायाम और योग (Yoga and Exercise)

इस बीमारी के शुरुआती दिनों में अगर हमें पता लग जाए तो हम कुछ दवाइयों के साथ मरीजों को व्यायाम और योग की सलाह देते हैं ताकि उसके सांस लेने की प्रक्रिया में बदलाव हो और फेफड़ों में सुधार हो। शुरुआती फेज में व्यायाम और योग इस बीमारी को दूर करने में बहुत कारगर हैं।

3.फेफड़ों का प्रत्यारोपण (Lungs Transplant)

बहुत सीरियस मामलों में जब फेफड़े एकदम काम नहीं कर रहे होते तो डॉक्टरों के पास सिवाय लंग्स ट्रांसप्लांट के कोई विकल्प नहीं बचता। हालांकि यह ऐसी प्रक्रिया है जो अवेलेबिलिटी पर निर्भर है।

फेफड़ों के प्रत्यारोपण के द्वारा व्यक्ति को बचाया जा सकता है। चित्र :अडोबीस्टॉक

अगर आपको है इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस तो क्या न करें (How to take care of a patient with Idiopathic Pulmonary Fibrosis)

1. धूम्रपान (Smoking) से IPF के मरीजों को दूर रहना पड़ेगा वरना इस बीमारी की प्रोग्रेस तेज़ होगी और आपके फेफड़े तेज़ी से ख़राब होंगे।
2. प्रदूषित जगहों पर जाने से बचिए, जहां धूल हो या धुआं हो वो जगह IPF के मरीजों के लिए नहीं है क्योंकि इससे फेफड़ों पर बुरा असर पड़ेगा।
3.अगर आप IPF से पीड़ित हैं तो बहुत ठंडी जगह पर जाने से बचें। सर्दी-जुकाम के वायरस इस स्थिति को और बिगाड़ते हैं इसलिए बेहतर है कि आप ऐसी जगहों से बचे रहें।
4.ध्यान रखें, व्यायाम फेफड़ों की बीमारी से बचने का जरिया है। लेकिन IPF होने के बाद बहुत ज्यादा व्यायाम करना इस बीमारी को और बढ़ा सकता है और आपकी सांस लेने में समस्या बढ़ सकती है।
5.नींद पूरी लें और फास्ट फूड्स से बचें। फास्ट फूड्स से वजन का बढ़ना होगा और इससे इस बीमारी के भी बढ़ने का खतरा तेज़ हो जाएगा।

इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने के बाद की लाइफ एक्सपेक्टेन्सी (Life Expectancy After Idiopathic Pulmonary Fibrosis)

डॉक्टर विवेक चन्द्र श्रीवास्तव के अनुसार इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस एक ग्रोइंग डिजीज है जो समय के साथ बढ़ती जाती है। और इससे धीरे धीरे फेफड़े डैमेज होते जाते हैं। इस बीमारी के बाद मरीज़ की लाइफ एक्सपेक्टेन्सी 5 से 7 साल मानी जाती है, लेकिन यह हर मरीज़ में अलग–अलग हो सकता है। सही दवाइयां, दिनचर्या अपना कर इसे बढ़ाया भी जा सकता है।

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