बॉक्स ब्रीदिंग के फायदे,- Box breathing ke fayde


बॉक्स ब्रीदिंग से मस्तिष्क को सुकून मिलता है और फोकस बढ़ने लगता है। इसके अलावा फेफड़ों की क्षमता में भी सुधार आने लगता है। इस प्रक्रिया को माइंडफुलनेस तकनीक भी कहा जाता है।

दिनों दिन तनाव को बढ़ना स्तर एंग्ज़ाइटी का कारण बनने लगता है। हर पल बनी रहने वाली चिंतासे निपटने के लिए ब्रीदिंग एक आसान उपाय है। ब्रीद वर्क से न केवल तनाव का प्रबंधन किया जा सकता है बल्कि इससे वर्क प्रोडक्टीविटी में भी सुधार आने लगता है। कई तरह से शरीर को फायदा पहुंचाने वाली ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ में से एक है बॉक्स ब्रीदिंग। इस ब्रीदिंग तकनीक का सुबह उठकर कुछ देर प्रयास करना फायदेमंद साबित होता है। जानते हैं बॉक्स ब्रीदिंग (Box Breathing Benefits) क्या है और कैसे ये शरीर को हेल्दी बनाने में मदद करती है।

सबसे पहले जानते हैं कि बॉक्स ब्रीदिंग किसे कहते हैं (Box breathing exercise)

बॉक्स ब्रीदिंग को स्क्वेयर ब्रीदिंग भी कहा जाता है। प्राणायाम पर आधारिक इस ब्रीदिंग तकलीक के चलते धीरे धीरे सांस लें और उसे होल्ड करके रखें। उसके बाद उसे रिलीज़ कर दें। इससे मस्तिष्क को सुकून मिलता है और फोकस बढ़ने लगता है। इसके अलावा फेफड़ों की क्षमता में भी सुधार आने लगता है। इस प्रक्रिया को माइंडफुलनेस तकनीक भी कहा जाता है

breathing kaise karein
बॉक्स ब्रीदिंग की मदद से हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

जानते हैं बॉक्स ब्रीदिंग के फायदे (Box breathing benefits)

1. तनाव और क्रोध को करे कम

अक्सर एंग्ज़ाइटी के चलते शरीर में एक अलग सा भारीपन महसूस होने लगता है। ऐसे में बॉक्स ब्रीदिंग का अभ्यास करके मेंटल हेल्थ बूस्ट होती है और ब्रेन सेल्स एक्टिव होने लगती है।इस मूड बूस्टर प्रक्रिया से एंग्ज़ाइटी डिसऑर्डर, पेनिक डिसऑर्डर, डिप्रेशन और पोस्ट.ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर का सामना करना पड़ता है। साथ ही किसी कार्य में ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।

2. हृदय गति और ब्लड प्रेशर को बनाए संतुलित

क्रॉनिक स्ट्रेस हृदय स्वास्थ्य के लिए जोखिम कारक बनने लगता है। बॉक्स ब्रीदिंग की मदद से हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हल हो जाती है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से हृदय रोगां से राहत मिलती है।

यह भी पढ़ें

3. स्लीप क्वालिटी में आए सुधार

अनिद्रा की समस्या को हल करने के लिए बॉक्स ब्रीदिंग की मदद लें। इससे दिमाग और शरीर को शांत रखने में मदद मिलती है, जिससे नींद न आने की समस्या को दूर किया जा सकता है। बॉक्स ब्रीदिंग का नियमित अभ्यास शरीर में हैप्पी हार्मोन को बढ़ाता है। गहरी सांस लेने और फिर छोड़ने से नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है।

दिमाग और शरीर को शांत रखने में मदद मिलती है, जिससे नींद न आने की समस्या को दूर किया जा सकता है।

4. इमोशंस को बैलेंस करने में मिलती है मदद

इस मांइडफुल तकनीक की मदद से शरीर में भावनात्मक परिवर्तन आने लगता है। रोज़ाना इसका अभ्यास करने से इमोशंस को नियत्रित किया जा सकता है, जिससे व्यवहार में संतुलन बना रहता है। वे लोग जो ईर्ष्या, कटुता और क्रोध के चलते तनाव से ग्रस्त रहते हैं। उनके जीवन में सकारात्मकता बढ़ने लगती है।

5. फेफड़ों की क्षमता में लाए सुधार

मेडिसिन नेट की रिपोर्ट के अनुसार बॉक्स ब्रीदिंग से फेफड़ों की क्षमता में सुधार आने लगता है। साथ ही श्वसन प्रणाली को भी हेल्दी बनाए रखने में मदद करती है। इससे फेफड़ों के कार्य में सुधार आने लगता है और शरीर में ऑक्सीजन का प्रभाव बढ़ जाता है। इसे रोज़ाना करने से सांस लेने में होने वाली तकलीफ से बचा जा सकता है।

बॉक्स ब्रीदिंग से फेफड़ों की क्षमता में सुधार आने लगता है। साथ ही श्वसन प्रणाली को भी हेल्दी बनाए रखने में मदद करती है।

जानें कैसे करें बॉक्स ब्रीदिंग का अभ्यास (How to do box breathing)

  • इसके लिए एक शांत जगह का चयन करें और मैट पर बैठ जाएं। अब दोनों आंखों को बंद कर लें।
  • इसके बाद गहरी सांस लें और उसे चार सेकण्ड तक होल्ड करके रखें। इसे करने के लिए लंग्स में हवा भरें।
  • चार सेकण्ड तक उसे रोककर रखने के बाद फिर धीरे धीरे रिलीज़ कर दें। इससे मांइड रिलैक्स रहता है।
  • दोबरा फिर से गहरी सांस लेकर उसे होल्ड करन की प्रक्रिया को दाहराएं।
  • दिन में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराने से शरीर को इसका भरपूर फायदा मिलता है।



Source link

Exit mobile version