बॉडी की स्ट्रेंथ को बढ़ाने के लिए बट यानि ग्लूट एक्सरसाइज का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है। नियमित रूप से इसे रूटीन में शामिल करने से ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग मसल्स में मज़बूती बढ़ने लगती है।
चलने फिरने और दौड़ने के लिए ग्लूट्स की मांसपेशियों की मदद ली जाती है। दिनभर एक ही पोज़िशन में बैठकर काम करने से ग्लूट्स की मांसपेशियों में अकड़ान का कारण बनने लगते हैं। इससे घुटनों में दर्द (knee pain) और पीठ के निचले हिस्से में ऐंठन (Back pain) बढ़ने लगती है। बॉडी की स्ट्रेंथ को बढ़ाने के लिए बट यानि ग्लूट एक्सरसाइज (Glute exercise) का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है। नियमित रूप से इसे रूटीन में शामिल करने से ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग मसल्स में मज़बूती बढ़ने लगती है। जानते हैं ग्लूट के मसल्स की मज़बूती के लिए 5 तरह की एक्सरसाइज़ (Glutes workout)।
शिक्सफिटनेस की फाउंडर और फिटनेस एक्सपर्ट शिखा सिंह बताती हैं कि ग्लूट एक्सरसाइज की मदद से कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम उचित बना रहता है और मांसपेशियों की ताकत बढ़ने लगती है। ग्लूट मांसपेशियां तीन प्रकार की होती हैं, ग्लूट मैक्सिमस, ग्लूट मेडियस और ग्लूट मिनिमस। इसमें से ग्लूट मैक्सिमस तीनों में से सबसे बड़ा हिस्सा है। कूल्हे के रोटेटर के रूप में कार्य करता है। अगर आप दौड़ते हैं या फिर बैठे हुए कुर्सी से उठते हैं तो इसकी मदद मिलती है। इसकी मज़बूती के लिए इन 5 एक्सरसाइज़ को अपने रूटीन में शामिल करें।
मजबूत ग्लूट् के लिए इन 5 प्रकार की एक्सरसाइज़ को करें अपने रूटीन में शामिल
1 रोमानियाई डेडलिफ्ट (Romanian deadlift)
हैमस्ट्रिंग मसल्स और ग्लूट की मज़बूती (Hamstring and glute muscles) के लिए रोमानियाई डेडलिफ्ट फिटनेस रूटीन में शामिल करें। इससे मसल्स में लचीलापन बढ़ने लगता है और शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज़ को बर्न किया जा सकता है। इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए अपने हाथों में ज़मीन पर रखे डंबल या बार लेकर उपर की ओर उठें और सीधे खड़े हो जाएं। पैरों को हिप्स के अनुसार खोल लें और अब भार को आगे की ओर झुककर नीचे पैरों के पास ज़मीन पररखें। इस दौरान वज़न को शरीर के नज़दीक रखें और व्यायाम के दौरान घुटनों को मोड़़कर रखने का प्रयास करें।
2. हिप थ्रस्ट (Hip thrust)
शरीर में संतुलन को बनाए रखने के लिए हिप थ्रस्ट एक्सरसाइज़ (hip thrust exercise) का अभ्यास करे। इससे पीठ में बढ़ने वाले दर्द (back pain causes) को कम किया जा सकता है। इसके अलावा टांगों की मांसपेशियों की मज़बूती को बढ़ाने में मदद मिलती है। इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए पीठ के ऊपरी हिस्से को बेंच पर टिकाएँ। अब पैरों को हिप्स की चौड़ाई के अनुरूप खोलते हुए ज़मीन पर टिका लें। अब बार को अपनी पेल्विक बोन पर रखें और पेल्विक को ऊपर उठाकर बार को उंचा उठाएँ। ऊपर की ओर उठते हुए ग्लूट्स को स्क्वीज़ करें और नीचे आते ही शरीर को रिलैक्स करें। इस एक्सरसाइज़ के दौरान चिन को गर्दन से चिपकाकर रखें।
3. केबल किक बैक (Cable kick back)
ग्लूट्स की कमज़ोरी टांगों में दर्द का कारण (leg pain causes) साबित होती है। ऐसे में केबल किक बैक का अभ्यास करने से दर्द को दूर करके शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है। इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए केबल को अपने टखने से बाँध लें। अब केबल मशीन की ओर मुँह करके खड़े हो जाएं। ऊपरी शरीर को थोड़ा आगे की ओर झुकाते हुए बंधे हुए टखने को 90 डिग्री पर सीधा पीछे की ओर किक करें। इस दौरान दूसरे पैर को जमीन पर टिका कर रखें। इससे टांगों को मज़बूती मिलने लगती है।
4 सूमो स्क्वैट्स (Sumo squats)
सूमो स्क्वैट्स से शरीर में लचीलापन बढ़ता है और शरीर में जमा अतिरिक्त फैट्स को बर्न करने में मदद मिलती है। इसे करने के लिए पैर की उँगलियों को थोड़ा बाहर की ओर रखते हुए टांगों के बीच गैप को बनाकर रखें। अब डंबल को उपर उठाएं और नीचे लेकर जाएं। इस दौरान हिप्स को जमीन से छूने से बचें। डंबल को चेस्ट के पास रखें या बीच में सीधा लटकाकर नीचे की ओर पकड़ें। व्यायाम के दौरान पीठ को सीधा रखते हुए स्क्वाट करें। अपने घुटनों को बाहर की ओर रखें।
5. डॉन्की किक अप्स (Donkey kick ups)
मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाने के लिए डॉन्की किक अप्स बेहद फायदेमंद हैं। इससे टांगों का दर्द व खिंचाव कम होने लगता है। इसे करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब हाथों को ज़मीन पर टिकाकर खड़े हो जाएं और घुटनों की जमीन पर रखें। इस स्थिति में आकर दाएं पैर को ऊपर की ओर उठाएँ और पैर का तलवा छत की ओर रखें। 20 बार इस व्यायाम को अभ्यास करने के बाद दाई टांग को उपर की ओर लेकर जाएं।