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Can Constipation Cause Nausea: कब्ज एक आम पाचन समस्या है, जिसमें व्यक्ति को मलत्याग करने में कठिनाई होती है या नियमित रूप से स्टूल पास नहीं हो पाता है। कब्ज के दौरान, स्टूल पास करने में परेशानी होती है। फाइबर युक्त भोजन न करना, पानी कम पीना, डेयरी उत्पादों का ज्यादा इस्तेमाल करना, दर्द-निवारक गोलियों का ज्यादा सेवन करना आदि कारणों के चलते कब्ज की समस्या होती है। कब्ज के कारण पेट में दर्द, सूजन, भूख न लगना आदि लक्षण महसूस होते हैं। कुछ लोगों को कब्ज के कारण जी मिचलाहट भी महसूस होती है। लेकिन इन दोनों के बीच क्या कनेक्शन हो सकता है, पहले इसे समझना जरूरी है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
क्या कब्ज के कारण जी मिचलाने का एहसास होता है?- Can Constipation Cause Nausea
डॉ सीमा ने बताया कि अगर आपको कब्ज है, तो जी मिचलाहट या उल्टी के लक्षण महसूस हो सकते हैं। कब्ज होने पर हम दवा का सेवन करते हैं, इन दवाओं के साइड इफेक्ट के तौर पर जी मिचलाने का एहसास हो सकता है। अगर आपको लंबे समय तक कब्ज रहता है, तो आंत में बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है। इस वजह से बैक्टीरिया की ग्रोथ बढ़ जाती है। बैक्टीरिया की ग्रोथ बढ़ने के कारण विषाक्त पदार्थ और गैस इकट्ठा होने लगता है, जिससे जी मिचलाता है। कब्ज में जी मिचलाने का एहसास होने का एक कारण यह भी है कि पाचन तंत्र और मस्तिष्क का गहरा नाता है। जैसे ही पाचन तंत्र में समस्या होती है, ब्रेन तक संदेश जाता है। कब्ज से होने वाली असुविधा का संदेश जब ब्रेन तक पहुंचता है, तो जी मिचलाता है। कब्ज के कारण जब स्टूल या मल लंबे समय तक बड़ी आंत में मौजूद रहता है, तो उसमें मौजूद अपशिष्ट दोबारा ब्लडस्ट्रीम में पहुंच जाते हैं जिससे तबीयत खराब और जी मिचलाने जैसा एहसास होता है। कब्ज के कारण पेट फूलता है और पेट पर दबाव पड़ता है जिससे जी मिचलाता है।
कब्ज होने पर जी मिचलाए तो क्या करें?- How to Treat Nausea During Constipation
कब्ज होने पर जी मिचलाने की स्थिति से राहत पाने के लिए आप इन उपायों की मदद ले सकते हैं-
- अपनी डाइट में फाइबर युक्त चीजों को शामिल करें, जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दालें। फाइबर आंतों को नियमित रूप से साफ रखने में मदद करता है।
- पवनमुक्तासन और कपालभाति जैसे योगासन करने से पाचन तंत्र की क्रिया में सुधार होता है।
- अधिक मात्रा में पानी पीने से स्टूल या मल नरम हो जाता है और मलत्याग में आसानी होती है। दिन में कम से कम 10 गिलास पानी पीना चाहिए।
- जी मिचलाने की स्थिति में हल्का भोजन करें, जैसे कि दलिया, खिचड़ी और सूप। तली-भुनी चीजों से बचें।
- सुबह उठकर गुनगुना पानी पीने से आंतों की सफाई में मदद मिलती है।
- दही, छाछ लेने से आंतों में स्वस्थ बैक्टीरिया का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
- जी मिचलाने की स्थिति में आराम करें और तनाव कम करने के लिए गहरी सांस लें।
अगर आपको लगातार कब्ज और जी मिचलाता है, तो डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करें। उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।
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