गाड़ियों को स्क्रैप करेगी Tata कंपनी, पुणे में शुरु किया नया प्लांट


टाटा मोटर्स ने भारत में सबसे बड़ी वाहन स्क्रैपिंग की सुविधा की शुरुआत की है। टाटा ग्रुप के वैश्विक व्यापार और वितरण ब्रांच ने टाटा इंटरनेशनल के सहयोग से स्थापित घरेलू कार निर्माता द्वारा शुरू की गई ये छठी व्यवस्था है। टाटा मोटर्स द्वारा स्थापित ये वाहन स्क्रैपिंग सुविधा रजिस्टर्ड है, जो पुणे में स्थित है।
 
‘री.वी.री-रीसायकल विद रेस्पेक्ट’ नाम की इस लेटेस्ट सुविधा में पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं का समावेष है। इस प्लांट में वार्षिक तौर पर 21,000 खराब हो चुके वाहनों को अलग करने की क्षमता है। इस आरवीएसएफ का संचालन टाटा इंटरनेशनल व्हीकल एप्लीकेशन (टीआईवीए) द्वारा किया जाता है, जो टाटा इंटरनेशनल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, और यह सभी ब्रांडों के यात्री और वाणिज्यिक वाहनों को स्क्रैप करने के लिए सुसज्जित है।
 
इस विकास से पहले, जयपुर, भुवनेश्वर, सूरत, चंडीगढ़ और दिल्ली एनसीआर में पांच ऐसी री.वाई.आर. सुविधाएं पहले से ही सफलतापूर्वक चल रही हैं। री.वाई.आर. सुविधाएं पूरी तरह से डिजिटल रूप से संचालित होती हैं, जिससे कागज़ की बर्बादी खत्म हो जाती है। ये अत्याधुनिक केंद्र दो विघटन विधियों का उपयोग करके वाणिज्यिक और यात्री दोनों वाहनों को संभालते हैं: सेल-टाइप और लाइन-टाइप। समर्पित स्टेशन टायर, बैटरी, तरल पदार्थ और अन्य घटकों को सुरक्षित रूप से हटाना सुनिश्चित करते हैं।
 
हर वाहन  का सख्ती से डॉक्यूमेंटेशन किया जाता है। इसके बाद स्क्रैपिंग के लिए सख्त नियमों को पूरा करना जरुरी होता है। यह राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति का पालन करते हुए सभी भागों के सुरक्षित निपटान की गारंटी देता है। Re.Wi.Re सुविधाएँ एक क्रांतिकारी अवधारणा है जो ऑटोमोटिव उद्योग में पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देती है।
 
उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक, गिरीश वाघ ने कहा, “टाटा मोटर्स मोबिलिटी के भविष्य को आकार देने में सबसे आगे है और अपने उत्पादों, सेवाओं और डिजिटल समाधानों के माध्यम से मूल्य प्रदान करके ग्राहकों को सफलता की ओर ले जाने पर ध्यान केंद्रित करता है। Re.Wi.Re एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था बनाने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है, जो उन्नत रीसाइक्लिंग प्रक्रियाओं का लाभ उठाता है जो न केवल जीवन के अंत में वाहनों से अधिकतम मूल्य निकालते हैं बल्कि हमारे देश के स्थिरता लक्ष्यों में भी योगदान करते हैं।”



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