चक्कर दूर करने के लिए योगासन,- Chakkar dur krne ke liye yogasan


बढ़ने वाला तनाव, थकान और पानी की कमी अक्सर चक्कर आने का कारण बनने लगते है। ऐसे में शरीर को एक्टिव और हेल्दी रखने के लिए दवा के अलावा योगासन का अभ्यास आवश्यक है। इससे फिटनेस के स्तर में सुधार आने लगता है।

सिर चकराना और ऐसा महसूस होना कि मानो सारी दुनिया गोल गोल घूम रही हैं और फिर अचानक से गिर जाना। जीवन में बढ़ने वाला तनाव (stress) , थकान (fatigue) और पानी की कमी (dehydration) अक्सर चक्कर आने का कारण बनने लगते है। ऐसे में अक्सर न्यूरोलॉजिस्ट की सलाह ली जाती है। मगर अधिकतर लोगों को लो ब्लड प्रेशर, खून की कमी और संपूर्ण आहार की कमी इस समस्या को बढ़ाने का कारण साबित होती है। ऐसे में शरीर को एक्टिव और हेल्दी रखने के लिए दवा के अलावा योगासन का अभ्यास आवश्यक है। जानते हैं वो योगासन जिनकी मदद से चक्कर आने की समस्या होगी हल (Yoga for dizziness)।

चक्कर क्यों आने लगते हैं (Causes of dizziness)

इस बारे में योग एक्सपर्ट शिवानी बाजवा बताती हैं कि शारीरिक गतिविधि से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार, मांसपेशियों को मजबूत करती है और शारीरिक संतुलन बढ़ता है। इससे चक्कर आने की समस्या हल हो जाती है। अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार योग का अभ्यास करें। इससे फिटनेस के स्तर में सुधार आने लगता है। इसके अभ्यास से तनाव कम होने लगता है और शरीर हेल्दी बना रहता है। बार बार चक्कर आने की स्थिति को वर्टिगो (vertigo) कहा जाता है। इसके चलते आंखों के आगे घुघंलापन बढ़ने लगता है, सिरदर्द और थकान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में योगासन की मदद से इस समस्या को हल किया जा सकता है।

इन योगासनों से करें चक्कर आने की समस्या को हल (Yoga to improve dizziness)

1. हलासन (Plough pose)

हलासन का अभ्यास करने से शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित बना रहता है। इससे तनाव और एंग्ज़ाइटी को दूर करके नसों में रिलैक्सेशन बढ़ने लगता है और चक्कर आने की समस्या हल होती है। दिन में 2 से 3 बार इस योगासन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है।

जानें इसे करने की विधि

  • इस योगासन को करने के लिए पीठ के बल मेंट पर लेट जाएं। अब दोनों बाजूओं को मैट पर रखें और उन्हें कोहनियों से सीधा कर लें।
  • अब टांगों को घुटनों से सीधा करके उपर की ओर लेकर जाएं। इस दौरान गहरी सांस लें और टांगों को सिर से पीछे की ओर ले जाएं।
  • सांस छोड़ें और 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में बने रहें। उसके बाद टांगों को वापिस ले आएं और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
plough pose ke fayde
हलासन से तनाव और एंग्ज़ाइटी को दूर करके नसों में रिलैक्सेशन बढ़ने लगता है और चक्कर आने की समस्या हल होती है।। चित्र शटरस्टॉक

2. बालासन (Baby pose)

इसके अभ्यास से शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन और थकान दूर होने लगती है। शरीर की मांसपेशियों को सुकून मिलता है और शरीर एक्टिव बना रहता है। इसके अभ्यास से मस्तिष्क में ब्लड का फ्लो उचित रहता है, जिससे एंग्ज़ाइटी से बचा जा सकता है।

जानें इसे करने की विधि

  • इस योगासन को करने के लिए घुटनों के बल मैट पर बैठ जाएं और पीठ को एकदम सीधा कर लें।
  • उसके बाद शरीर को आगे की ओर झुकाएं और कमर से शरीर को झुकाते हुए दोनों बाजूओं को जमीन पर रखें।
  • इस दौरान गहरी सांस लें और धीरे धीरे छोड़ दें। 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहने के बाद घुटनों के बल बैठ जाएं और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।

3. बद्धकोणासन (Bound angle pose)

शरीर को एक्टिव बनाए रखने के लिए बद्धकोणासन का अभ्यास फायदेमंद है। इससे लो ब्लड प्रैशर की समस्या दूर होती है और नींद की क्वालिटी में सुधार आने लगता है। इसके चलते चक्कर आने की समस्या से बचा जा सकता है।

यह भी पढ़ें

जानें इसे करने की विधि

  • इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और दोनों टांगों को सीधा कर ले। इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
  • अब दोनों टांगों को मोड़ते हुए दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें और दोनों हाथों से पैरों को पकड़कर रखें।
  • गहरी सांस लें और दोनों टांगों को उपर से नीचे की ओर लेकर आएं। थाइज़ की इस एक्सरसाइज़ को बटरफ्लाई पोज़ भी कहा जाता है।
  • 1 से 2 मिनट तक इस मुद्रा में रहने के बाद टांगों को सीधा कर लें और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
हैमस्ट्रिंग को मज़बूत कर शारीरिक थकान दूर करने वाले इस योगासन को करने से शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ने लगता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

4. पश्चिमोत्तानासन (Seated forward bend)

शरीर में बढ़ने वाली थकान को दूर करने के लिए पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करें। इससे शरीर
की मांसपेशियों में बढ़ने वाली स्टिफनेस को कम किया जा सकता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य को मज़बूती मिलती है और शरीर में लचीलापन बना रहता है।

जानें इसे करने की विधि

  • इसे करने के जिए मैट पर बैठ जाएं और दोनों टांगों को सीधा कर लें। अब गहरी सांस लें और शरीर को आगे की ओर झुकाएं।
  • कमर से आगे की ओर झुकें और सिर को घुटनों पर टिका लें। अब दोनों बाजूओं को सामने की ओर ले जाएं और मैट पर पैरों के पास रखें।
  • शारीरिक क्षमता के अनुसार इस पोश्चर में बैठें और उसके बाद सामान्य मुद्रा में आ जाएं और सांस पर नियंत्रण बनाए रखें।



Source link

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
Exit mobile version