इसके बाद शाओमी के शेयर में शुरुआती कारोबार के दौरान लगभग सात प्रतिशत की तेजी थी। इस वर्ष के शुरुआती दो महीनों में चीन में EV की सेल्स 18 प्रतिशत बढ़ी है। पिछले पूरे वर्ष में यह ग्रोथ लगभग 21 प्रतिशत की थी। चीन की बड़ी EV कंपनियों में शामिल BYD ने कमजोर डिमांड के बीच कस्टमर्स को खींचने के लिए प्राइसेज में भारी कटौती की है। SU7 में कंपनी का ऑपरेटिंग सिस्टम दिया जाएगा। इसे चीन में पेश किया गया था। दुनिया के इस सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मार्केट में अधिक कैपेसिटी और कमजोर डिमांड जैसी चुनौतियां बढ़ रही हैं। इस वजह से ऑटोमोबाइल कंपनियों के बीच प्राइस घटाने को लेकर कॉम्पिटिशन है। पिछले वर्ष Tesla ने चीन में अपने EV के प्राइसेज पर काफी डिस्काउंट दिया था। इसे चीन की बड़ी EV मेकर BYD से कड़ा मुकाबला मिल रहा है।
शाओमी के चीफ एग्जिक्यूटिव, Lei Jun ने कहा था कि कंपनी की महत्वाकांक्षा Porsche और Tesla की तुलना वाली कार बनाने की है। उन्होंने बताया था, “अगले 15 से 20 वर्षों में कड़ी मेहनत कर हम ग्लोबल मार्केट में टॉप पांच ऑटोमोबाइल कंपनियों में शामिल हो जाएंगे। इससे चीन की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी।” इस इलेक्ट्रिक कार के तीन वेरिएंट्स – Xiaomi SU7, SU7 Pro और SU7 Ultra विभिन्न रेंज और फीचर्स के साथ उपलब्ध हो सकते हैं।
बहुत सी टेक कंपनियों ने अपने बिजनेस को डायवर्सिफाइ करने की योजना बनाई है। शाओमी भी अपने स्मार्टफोन के अलावा EV जैसे सेगमेंट में ज रही है। कंपनी ने एक दशक में लगभग 10 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने की योजना बनाई है। Lei ने बताया था कि शाओमी की कारों की ऑटोनॉमस ड्राइविंग की क्षमता इस इंडस्ट्री में अग्रणी होगी। इन कारों को चीन की सरकार की हिस्सेदारी वाले BAIC Group की बीजिंग की फैक्टरी में बनाया जाएगा। इस फैक्टरी की वार्षिक कैपेसिटी लगभग दो लाख व्हीकल्स की है।
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