Semal Taseer in Hindi: आयुर्वेद में कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जिनका उपयोग तरह-तरह की बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में सेमल के कई हिस्सों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके फूल, फल, जड़, तना और छाल का उपयोग किया जाता है। सेमल के पेड़ को कॉटन ट्री के रूप में भी जाना जाता है। सेमल के पेड़ की जड़ का उपयोग करने से खांसी की समस्या से राहत मिलती है। सेमल की तासीर क्या होती है? रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा से जानते हैं सेमल की तासीर के बारे में-
सेमल की तासीर कैसी होती है?- Semal ki Taseer Kaisi Hoti Hai
सेमल के पेड़ की जड़, छाल और फूलों की तासीर ठंडी होती है। सेमल के अलग-अलग हिस्सों का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। अगर आपकी पित्त प्रकृति है, तो भी आप सेमल के अलग-अलग हिस्सों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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