बच्चों में मायोपिया क्यों होता है? जानें इसके जोखिम कारक और बचाव | what causes myopia in children symptoms and prevention in hindi

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Myopia in Children Causes: खानपान में गड़बड़ी और खराब जीवनशैली के कारण बच्चों में आंखों से जुड़ी बीमारियों का खतरा रहता है। आज के समय में बच्चों का ज्यादातर समय डिजिटल स्क्रीन पर बीतता है। इसकी वजह से आंखों से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है। कम उम्र में नजर की रोशनी कमजोर होना या आंखों पर चश्मा लग जाना भी खानपान और जीवनशैली से जुड़ी खराब आदतों का परिणाम है। इस समस्या से बचने के लिए आपको बच्चों का स्क्रीन टाइम और उनके खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बच्चों में मायोपिया की समस्या भी तेजी से बढ़ रही है। मायोपिया या निकट दृष्टि दोष एक गंभीर समस्या है, जिसकी वजह से बच्चों को देखने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। बच्चों में मायोपिया का खतरा क्यों बढ़ रहा है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए? आइए इस लेख में समझते हैं विस्तार से।

बच्चों में क्यों बढ़ रहा है मायोपिया?- What Causes Myopia in Children in Hindi

बच्चों में निकट दृष्टि दोष, जिसे मायोपिया के नाम से भी जाना जाता है, एक आम समस्या है। मशहूर नेत्र रोग विशेषज्ञ और भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित डॉ महिपाल सचदेव ने ओनलीमायहेल्थ से बातचीत में बताया कि, “बच्चों में मायोपिया का खतरा खानपान, जीवनशैली और आनुवांशिक कारणों से बढ़ रहा है। ज्यादातर समय डिजिटल स्क्रीन पर रहना, डाइट में पोषक तत्वों की कमी और निष्क्रिय जीवनशैली भी मायोपिया के खतरे को बढ़ा सकती है।” मायोपिया में मरीज को दूर की चीजों को देखने में दिक्कत होती है और नजदीक की चीजें स्पष्ट दिखाई देती हैं। आमतौर पर मायोपिया की समस्या बचपन में शुरू होती है और किशोरावस्था में तेजी से बढ़ने लगती है।

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बच्चों में मायोपिया के मुख्य कारण इस तरह से हैं-

आनुवंशिकी: यदि माता-पिता में से किसी एक या दोनों को मायोपिया है, तो बच्चे में इसके होने का खतरा अधिक होता है।

आंखों का आकार: मायोपिया वाली आंखों में, कॉर्निया (आंख का पारदर्शी बाहरी भाग) या लेंस का आकार असामान्य हो सकता है। इसकी वजह से प्रकाश रेटिना पर ठीक से फोकस नहीं कर पाता है।

पर्यावरणीय कारक: निकट दृष्टि से जुड़े काम, जैसे कि पढ़ने, कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन देखने में बहुत अधिक समय बिताने के कारण मायोपिया का खतरा बढ़ जाता है।

अन्य कारक: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन डी की कमी और कम समय बाहर खेलने से भी बच्चों में मायोपिया का खतरा बढ़ सकता है।

बच्चों में मायोपिया के लक्षण- Myopia Symptoms in Children in Hindi

अक्सर छोटे बच्चे मायोपिया के लक्षणों को खुद से नहीं पहचान पाते हैं। ऐसे में माता-पिता को बच्चों से बातचीत कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी जरूर लेनी चाहिए। बच्चों में मायोपिया होने पर ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं-

दूर की चीजें धुंधला दिखना: बच्चे को दूर के टेलीविजन स्क्रीन, ब्लैकबोर्ड या लोगों को स्पष्ट रूप से देखने में परेशानी।

आंखें सिकोड़कर देखाना: बच्चा दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने के लिए अगर अपनी आंखों को सिकोड़कर देखता है, तो यह मायोपिया का संकेत हो सकता है।

सिरदर्द: आंखों को लगातार तनाव देने से कभी-कभी सिरदर्द हो सकता है।

किताबों को चेहरे के बहुत पास लाकर पढ़ना: पढ़ते समय किताब को अपने चेहरे के बहुत पास लाकर पढ़ना भी मायोपिया का लक्षण होता है।

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निकट दृष्टि दोष या मायोपिया का कोई स्थाई इलाज नहीं है लेकिन कुछ इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। ऑर्थोकेराटोलॉजी (ऑर्थो-के), एट्रोपिन आई ड्रॉप्स, मायोपिया नियंत्रण के लिए विशेष लेंस आदि तकनीक से इस बीमारी का इलाज किया जाता है। इसके अलावा जीवनशैली में कुछ बदलाव करने से मायोपिया को कंट्रोल किया जा सकता है। गंभीर स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेकर उचित कदम जरूर उठाना चाहिए।

(Image Courtesy: freepik.com)

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