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पितृ पूजा हमेशा दोपहर के समय की जाती है। ऐसे में आप अपने पितरों का जल, सफेद फूल और काले तिल से तर्पण कर सकते हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Mon, 06 May 2024 02:10:02 PM (IST)
Updated Date: Mon, 06 May 2024 02:10:02 PM (IST)

HighLights
- अमावस्या का दिन बहुत शक्तिशाली माना जाता है।
- इस दिन पितृ पूजा, पितृ तर्पण, पिंडदान जैसे कार्य किए जाते हैं।
- पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त या सुबह का समय अच्छा माना जाता है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Vaishakha Amavasya 2024: वैशाख अमावस्या को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन पितरों और पितरों की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस तिथि लोग कई तरह की धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां करते हैं। अमावस्या का दिन बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इस दिन पितृ पूजा, पितृ तर्पण, पिंडदान जैसे कार्य किए जाते हैं, यह दिन ऐसे कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। इस वर्ष वैशाख अमावस्या 8 मई 2024 को मनाई जाएगी।
इस समय करें पितरों की पूजा
पितृ पूजा हमेशा दोपहर के समय की जाती है। ऐसे में आप अपने पितरों का जल, सफेद फूल और काले तिल से तर्पण कर सकते हैं। इसके अलावा सुबह 11 बजे से दोपहर 2.30 बजे के बीच पितरों का पिंडदान किया जा सकता है। गंगा स्नान और पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त या सुबह का समय अच्छा माना जाता है।
वैशाख अमावस्या पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर, पवित्र स्नान करें और गंगा नदी में डुबकी लगाएं।
- अगर किसी कारणवश आप गंगा में स्नान नहीं कर सकते हैं, तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल मिला लें।
- घर में सात्विक भोजन बनाकर ब्राह्मणों को आमंत्रित करें।
- सबसे पहले तैयार रोटी गाय को खिलाएं।
- इसके बाद किसी अनुभवी ब्राह्मण से पितृ कर्म कराएं और उन्हें भोजन खिलाएं।
- उन्हें वस्त्र और दक्षिणा दें।
- इस दिन हवन या यज्ञ करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
- इस दिन पितृ गायत्री का आयोजन करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष समाप्त हो जाता है।
- इस तिथि पर कुत्ते, कौवे और चींटियों को भोजन देना भी अनुष्ठान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
पितृ तर्पण मंत्र
ॐ पितृ देवतायै नम:।।
पितरों की मुक्ति के लिए पितृ गायत्री पाठ किया जाता है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
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