Vaishakh Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा 23 मई को, चंद्रदेव के अर्घ्य देकर ही खोलें व्रत, जानें क्या है चंद्रोदय का समय

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स्नान-दान का समय 23 मई सुबह 4.04 बजे से सुबह 4.45 बजे तक रहेगा। वैशाख पूर्णिमा पर चंद्रोदय शाम 07.12 बजे होगा और व्रत के दौरान चंद्रमा की पूजा और अर्घ्य जरूर देना चाहिए।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Mon, 20 May 2024 11:13:39 AM (IST)

Updated Date: Mon, 20 May 2024 11:13:39 AM (IST)

वैशाख पूर्णिमा की शुरुआत 22 मई, 2024 को शाम 7.47 बजे होगी और इस तिथि का समापन 23 मई, 2024 को शाम 7.22 बजे होगा।

HighLights

  1. पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
  2. वैशाख पूर्णिमा के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
  3. वैशाख पूर्णिमा पर पूजा के दौरान चांदी के सिक्कों का उपयोग करना चाहिए।

धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में स्नान और दान का विशेष महत्व है और इसके लिए वैशाख महीने को काफी शुभ माना जाता है। वैशाख माह में भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, वैशाख पूर्णिमा 23 मई, 2024, गुरुवार को मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यता है कि वैशाख माह में भगवान विष्णु की पूजा करने से मनचाही इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

वैशाख पूर्णिमा पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, वैशाख पूर्णिमा की शुरुआत 22 मई, 2024 को शाम 7.47 बजे होगी और इस तिथि का समापन 23 मई, 2024 को शाम 7.22 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, स्नान-दान का समय 23 मई सुबह 4.04 बजे से सुबह 4.45 बजे तक रहेगा। वैशाख पूर्णिमा पर चंद्रोदय शाम 07.12 बजे होगा और व्रत के दौरान चंद्रमा की पूजा और अर्घ्य जरूर देना चाहिए। चंद्रदेव को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत पूरा होता है।

वैशाख पूर्णिमा पर करें ये उपाय

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इन दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा वैशाख पूर्णिमा के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से आपके रुके हुए कार्य पूरे हो जाते हैं। वैशाख पूर्णिमा पर पूजा के दौरान चांदी के सिक्कों का उपयोग करना चाहिए। ऐसा करने से चंद्रदेव की स्थिति मजबूत होती है।

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