Somvati Amavasya 2024 Date: किस दिन है सोमवती अमावस्या? पितरों के तर्पण के लिए महत्वपूर्ण है यह तिथि


हिंदुओं में अमावस्या का धार्मिक महत्व है। इस दिन लोग धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करते हैं। सोमवती अमावस्या के अवसर पर ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान और तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन आटे की गोलियां बनाकर मछलियों और चींटियों को खिलाना चाहिए।

By Ekta Sharma

Publish Date: Wed, 28 Aug 2024 10:47:02 AM (IST)

Updated Date: Wed, 28 Aug 2024 10:56:12 AM (IST)

अमावस्या के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान जरूर करना चाहिए। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

HighLights

  1. सोमवती अमावस्या पर कुछ विशेष उपाय करने से लाभ मिलता है।
  2. अमावस्या के दिन अपने पितरों का तर्पण और पिंडदान जरूर करें।
  3. इस दिन कोई भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य नहीं किए जाने चाहिए।

धर्म डेस्क, इंदौर। Somvati Amavasya 2024 Kab Hai: हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत महत्व माना जाता है। हिंदू महीने के अंतिम दिन को अमावस्या के रूप में जाना जाता है। इस दिन व्रत, पूजा, स्नान-दान आदि जरूर करना चाहिए। सभी अमावस्याओं में मौनी और सोमवती अमावस्या को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन स्नान और दान के साथ पितृ पूजा भी की जाती है। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवती अमावस्या के दिन पूजा-पाठ के साथ कुछ विशेष उपाय करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही ग्रह दोष और पितृ दोष आदि से भी छुटकारा मिलता है। आइए, जानते हैं कि सोमवती अमावस्या किस दिन मनाई जाएगी और इस दिन क्या करना चाहिए।

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सोमवती अमावस्या तिथि 2024 – Somvati Amavasya Tithi

भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि 2 सितंबर 2024 को सुबह 5:21 बजे शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 3 सितंबर 2024, सुबह 7:24 बजे होगा।

सोमवती अमावस्या पर क्या करें Somvati Amavasya Upay 2024

  • अमावस्या के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान जरूर करना चाहिए। यह आवश्यक माना जाता है।
  • इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व होता है। ऐसे में अमावस्या पर गरीबों या जरूरतमंदों को जरूरी सामान दान करें।
  • सोमवती अमावस्या के दिन अपने पितरों का तर्पण और पिंडदान करें। इस दिन पितृ गायत्री मंत्र या पूर्वजों को समर्पित मंत्रों का जाप करना चाहिए।
  • इस दिन धार्मिक ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना चाहिए। इस दिन अधिकतर समय धार्मिक कार्यों और पूजा-पाठ आदि में व्यतीत करना चाहिए।
  • इस दिन बड़ों का सम्मान करें और सभी से प्रेमपूर्वक व्यवहार करें। इस दिन मंदिर या धार्मिक स्थान पर जाकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।

सोमवती अमावस्या पर क्या नहीं करें

  • मांसाहारी भोजन या शराब आदि का सेवन इस दिन नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन चना, मसूर दाल, सरसों का साग और मूली खाना वर्जित माना जाता है।
  • इस दिन किसी भी जीव-जंतु को परेशान न करें।
  • इस दिन किसी का अनादर न करें। इस दिन कोई भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य जैसे शादी या सगाई आदि न करें। इस दिन पितृ दोष लगने वाला कोई काम न करें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’



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