Shivling Puja: शिवलिंग पर भूलकर भी अर्पित न करें तुलसी, हल्दी और सिंदूर, जानें क्या है पौराणिक मान्यता


पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव वैरागी हैं और वैरागी लोग अपने मस्तक पर हमेशा भस्म लगाते हैं। यही कारण है कि भगवान भोलेनाथ को कुमकुम या सिंदूर नहीं चढ़ाया जाता है। इसके अलावा भगवान भोलेनाथ को हल्दी भी नहीं चढ़ाना चाहिए।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Mon, 29 Apr 2024 11:01 AM (IST)

Updated Date: Mon, 29 Apr 2024 11:05 AM (IST)

महाशिवरात्रि पर कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा सिंदूर भी अर्पित नहीं किया जाता है।

HighLights

  1. भगवान भोलेनाथ को कभी भी केवड़ा और चंपा के फूल अर्पित नहीं करना चाहिए।
  2. पौराणिक मान्यता है कि एक श्राप के कारण भगवान शिव को इन फूलों को चढ़ाना वर्जित माना गया है।
  3. भगवान शिव को नारियल या नारियल का पानी भी नहीं चढ़ाना चाहिए।

धर्म डेस्क, इंदौर। सनातन धर्म में देवों के देव महादेव का सर्वशक्तिमान माना गया है और सोमवार को भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव की यदि विधि-विधान से पूजा की जाती है तो वे जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं, इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। हालांकि भगवान भोलेनाथ की पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए और पूजा के दौरान इन चीजों को भूलकर भी अर्पित नहीं करना चाहिए। इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं पंडित हर्षित मोहन शर्मा।

तुलसी के पत्तियां

तुलसी की पत्तियों को लक्ष्मी स्वरूप माना गया है, इसलिए शिवलिंग पर चढ़ावे के रूप में तुलसी की पत्तियों की मनाही है। इसके अलावा एक अन्य पौराणिक मान्यता है कि महादेव ने माता तुलसी के पति असुर जालंधर का वध किया था, यही कारण है कि शिवलिंग पर तुलसी की पत्तियों को अर्पित नहीं किया जाता है।

naidunia_image

केवड़ा और चंपा के फूल

भगवान भोलेनाथ को कभी भी केवड़ा और चंपा के फूल अर्पित नहीं करना चाहिए। पौराणिक मान्यता है कि एक श्राप के कारण भगवान शिव को इन फूलों को चढ़ाना वर्जित माना गया है।

नारियल पानी

भगवान शिव को नारियल या नारियल का पानी भी नहीं चढ़ाना चाहिए। श्रीफल या इसका जल भगवान विष्णु की पूजा के दौरान जरूर अर्पित किया जाता है।

केसर या कुमकुम

महाशिवरात्रि पर कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा सिंदूर भी अर्पित नहीं किया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव वैरागी हैं और वैरागी लोग अपने मस्तक पर हमेशा भस्म लगाते हैं। यही कारण है कि भगवान भोलेनाथ को कुमकुम या सिंदूर नहीं चढ़ाया जाता है। इसके अलावा भगवान भोलेनाथ को हल्दी भी नहीं चढ़ाना चाहिए।

कांसे का बर्तन भी वर्जित

भगवान शिव को दूध या दही अर्पित करते समय कांसे का बर्तन उपयोग में नहीं लाना चाहिए। दूध, पानी या दही अर्पित करते समय उंगलियों को छूने न दें क्योंकि नाखूनों के छूने से ये चीजें अशुभ हो जाती हैं। इसके लिए हमेशा तांबे का बर्तन उपयोग में लाना चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

  • ABOUT THE AUTHOR

    कई मीडिया संस्थानों में कार्य करने का करीब दो दशक का अनुभव। करियर की शुरुआत आकाशवाणी केंद्र खंडवा से हुई। महाराष्ट्र में फील्ड रिपोर्टिंग, भोपाल दूरदर्शन, ETV न्यूज़ सहित कुछ रीजनल न्यूज चैनल में काम करके इलेक्



Source link

Exit mobile version