शनि जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। इस दिन पूरे श्रद्धा-भाव से शनिदेव की पूजा करने से हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
By Nai Dunia News Network
Publish Date: Sun, 28 Apr 2024 05:42 PM (IST)
Updated Date: Sun, 28 Apr 2024 05:42 PM (IST)
धर्म डेस्क, इंदौर। Shani Jayanti 2024: सनातन धर्म में शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनिदेव कर्म के आधार पर फल देते हैं। शनिवार और शनि जयंती भगवान शनि की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है। इस बार शनि जयंती वैशाख माह में बुधवार, 8 मई 2024 को मनाई जाने वाली है। शनि जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। इस दिन पूरे श्रद्धा-भाव से शनिदेव की पूजा करने से हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। आइए, जानते हैं कि इस दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और इस दिन का धार्मिक महत्व क्या है।
शनि जयंती धार्मिक महत्व
शनि जयंती का हिंदुओं में बहुत महत्व है। शनिदेव भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त हैं। इन्हें सेवा और व्यापार जैसे कार्यों का स्वामी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव व्यक्ति को राजा से रंक और रंक से राजा भी बना देते हैं। बताया जाता है कि एक बार जब रावण ने शनिदेव को कैद कर लिया था, तो हनुमान जी ने उन्हें वहां से छुड़ाया था।
तब शनिदेव ने प्रसन्न होकर कहा कि जो भक्त पूरी श्रद्धा से बजरंगबली की पूजा करेंगे उन पर कभी भी शनि दोष का प्रभाव नहीं होगा। साथ ही उन लोगों पर उनकी कृपा सदैव बनी रहेगी।
शनि जयंती पर इन नियमों का करें पालन
- इस दिन सुबह उठकर पवित्र स्नान करें।
- इसके बाद शनि मंदिर जाएं।
- शनि जयंती के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- इस दिन शनिदेव के वैदिक मंत्रों का 108 बार जाप करना लाभकारी होता है।
- जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
- तामसिक चीजों से दूर रहें।
- किसी से वाद-विवाद न करें।
- धार्मिक कार्यों में अपना मन लगाएं।
- किसी के बारे में बुरा न बोलें।
शनि वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।।
शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।।
शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
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