Sawan Shivratri 2024: 2 अगस्त को रखा जाएगा सावन शिवरात्रि का व्रत, पूजा सामग्री में शामिल करें विशेष चीजें


सावन शिवरात्रि, जिसे श्रावण शिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस शुभ अवसर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। यह दिन शिव-पार्वती के मिलन का भी प्रतीक है। इस दिन भगवान शिव को अक्षत, मीठा पान, मौसमी फल चढ़ाएं।

By Ekta Sharma

Publish Date: Fri, 26 Jul 2024 09:42:38 AM (IST)

Updated Date: Fri, 26 Jul 2024 09:42:38 AM (IST)

शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

HighLights

  1. सावन शिवरात्रि पर पूजा करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
  2. सावन माह की शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठना चाहिए।
  3. शिवजी की पूजा करने से चल रही समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Sawan Shivratri 2024: सावन माह का हर दिन अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में सावन शिवरात्रि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए एक खास दिन होता है। मान्यताओं के अनुसार, शिवरात्रि के दिन व्रत करके शिवजी की पूजा करने से जीवन में चल रही समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

कहा जाता है कि श्रावण मास में पड़ने वाली शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। इस दिन शिवजी की पूजा करने से अविवाहितों को मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।

naidunia_image

सावन शिवरात्रि 2024 व्रत

वैदिक पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि में शिवरात्रि व्रत शुक्रवार, 2 अगस्त को रखा जाने वाला है। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 12:15 से 3 अगस्त को 1:00 बजे तक रहेगा।

उदया तिथि के अनुसार, सावन शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। इस दिन पूजा सामग्री में दूध, जल, रोली, चन्दन, बेल पात्र, दूर्वा, घी का दीपक, दूप, मौसमी फल, फूल, मोली यानी कलावा, इत्र और चढ़ावा शामिल करें।

सावन शिवरात्रि पूजा विधि

  • सावन शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। स्नान आदि से निवृत होकर सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए।
  • एक लोटे में दूध, जल, चावल, शक्कर और जल मिलाकर, पूजा सामग्री इकट्ठी कर किसी शिव मंदिर जाएं।
  • सबसे पहले भगवान शिव के आगे हाथ जोड़े और उनसे अपनी पूजा स्वीकार करने के लिए प्रार्थना करें।
  • भगवान शिव को चंदन लगाएं, इत्र अर्पित करें। इसके बाद भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाएं।
  • भगवान शिव, गणेश जी, कार्तिकेय जी, माता पार्वती और नंदी जी पर फूल अर्पित करें।
  • देवी पार्वती को कुमकुम का तिलक करें। भगवान गणेश और कार्तिकेय जी को भी कुमकुम का तिलक करें।
  • भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी पर मौली भी अर्पित करें। शिव जी के सामने फल समर्पित करें।
  • ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव पर जल की धारा अर्पित करें। धूप-दीप जलाएं।
  • भगवान शिव की आरती करें और भगवान से हाथ जोड़कर पूजा में जो भी भूल हुई हो उसके लिए क्षमा मांगे।

सावन शिवरात्रि व्रत पारण

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त को किया जाएगा। वहीं, पारण अगले दिन यानी शनिवार 3 अगस्त को किया जाएगा। पारण के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:17 से दोपहर 3:45 तक रहेगा।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’



Source link

Exit mobile version