Pradosh Vrat 2024: मई माह का पहला प्रदोष 5 मई को, जानें क्या है पूजा मुहूर्त, ये है इसका पौराणिक महत्व


यह त्रयोदशी तिथि 6 मई, 2024 दिन को दोपहर 02.40 बजे खत्म होगी। ऐसे में प्रदोष व्रत 5 मई, 2024 को रखा जाएगा।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Fri, 26 Apr 2024 10:20 AM (IST)

Updated Date: Fri, 26 Apr 2024 10:20 AM (IST)

5 मई, 2024, रविवार को शाम 05.41 बजे से वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत हो जाएगी।

HighLights

  1. सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है।
  2. इस विशेष दिन यदि कठिन व्रत रखा जाता है तो माता पार्वती और भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।
  3. देश के कुछ इलाकों में रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर की पूजा नटराज रूप में की जाती है।

धर्म डेस्क, इंदौर। सनातन धर्म में भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए हर माह प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत को बेहद कल्याणकारी माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन यदि विधि-विधान के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और सुख, शांति और समृद्धि मिलती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, मई माह का पहला प्रदोष व्रत 5 मई, 2024 को रखा जाएगा।

रवि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, 5 मई, 2024, रविवार को शाम 05.41 बजे से वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत हो जाएगी। यह त्रयोदशी तिथि 6 मई, 2024 दिन को दोपहर 02.40 बजे खत्म होगी। ऐसे में प्रदोष व्रत 5 मई, 2024 को रखा जाएगा। यह व्रत रविवार को होने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा।

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प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व 2024

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है। इस विशेष दिन यदि कठिन व्रत रखा जाता है तो माता पार्वती और भोलेनाथ प्रसन्न होती है। देश के कुछ इलाकों में रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर की पूजा नटराज रूप में की जाती है।

प्रदोष व्रत को लेकर धार्मिक कथा

प्रदोष व्रत को लेकर एक पौराणिक कथा भी है, जिसके अनुसार प्रदोष तिथि के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने तांडव करके राक्षस अप्सरा पर विजय प्राप्त की थी। इस दिन भगवान शिव के नटराज स्वरूप की पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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    कई मीडिया संस्थानों में कार्य करने का करीब दो दशक का अनुभव। करियर की शुरुआत आकाशवाणी केंद्र खंडवा से हुई। महाराष्ट्र में फील्ड रिपोर्टिंग, भोपाल दूरदर्शन, ETV न्यूज़ सहित कुछ रीजनल न्यूज चैनल में काम करके इलेक्



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