महेश नवमी पर दुर्लभ वरीयान योग बन रहा है। साथ ही कई अन्य मंगलकारी योग का भी निर्माण हो रहा है। इसी दिन सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे। ज्योतिष के अनुसार, 15 जून को सूर्य देव वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
By Ekta Sharma
Publish Date: Fri, 14 Jun 2024 05:09:16 PM (IST)
Updated Date: Fri, 14 Jun 2024 05:09:16 PM (IST)
HighLights
- इस तिथि पर शिव जी की पूजा करने से अक्षय फलों की होती है प्राप्ति।
- भगवान शंकर और माता पार्वती को समर्पित पर्व।
- इस दिन जरूर करना चाहिए शिव चालीसा का पाठ।
धर्म डेस्क, इंदौर। Mahesh Navami 2024: महेश नवमी भगवान शिव को समर्पित पर्व है। हर साल यह त्योहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। माहेश्वरी समुदाय के इस पर्व की अधिक मान्यता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को माहेश्वरी समाज का संस्थापक माना जाता है। महेश नवमी के दिन पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखने और भगवान शिव की विशेष पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है।
महेश नवमी 2024 तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 15 जून 2024 को रात 12:03 बजे शुरू होगी। यह तिथि 16 जून 2024 को रात्रि 02:32 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, महेश नवमी 15 जून 2024 को मनाई जाएगी।
महेश नवमी शुभ मुहूर्त
नवमी तिथि को वरीयान योग का निर्माण हो रहा है। इसका निर्माण रात 08 बजकर 12 मिनट से हो रहा है। साथ ही इस दिन रवि योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 14 मिनट से हो रहा है। इस दिन शिववास योग भी बन रहा है। शिववास योग दिन भर रहेगा।
महेश नवमी पूजा विधि
महेश नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
इसके बाद भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें।
उनका पंचामृत, गंगाजल और शुद्ध जल से अभिषेक करें।
फिर बेलपत्र, चंदन, भस्म, गंगाजल, भांग, सफेद फूल, धतूरा आदि अर्पित करें।
उन्हें त्रिपुंड लगाएं।
देसी घी का दीपक जलाएं।
इस दिन शिव चालीसा का पाठ करना लाभकारी होता है।
इस दिन भगवान शिव के वैदिक मंत्रों का जाप करना चाहिए।
शिव मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनं नावहेदुः शं नो भवद्विषवः।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि तन्नोरुद्र: प्रचोदयात्।।
शिव स्तुति
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।
भगवान शिव आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें।।
डिसक्लेमर
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