शुक्रवार को पंचमी तिथि पर सदर बाजार स्थित व्यंकटेश मंदिर को खास तरीके से सजाया गया। भगवान की पोशाक से लेकर उनके विशेष भोग अर्पित किए गए। मंदिर परिसर को सुगंधित पुष्पों से सजाया गया था। सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए हैं जैसे सुमधुर गीतों से भक्तों ने अपनी सेवाएं भी दी। आकर्षक पालना तैयार किया गया था।
By Dhirendra Kumar Sinha
Publish Date: Sat, 10 Aug 2024 07:13:37 AM (IST)
Updated Date: Sat, 10 Aug 2024 10:32:27 PM (IST)
HighLights
- नागपंचमी से झूला उत्सव प्रारंभ, भक्तों का तांता
- भगवान व्यंकटेश श्रीदेवी-भूदेवी के साथ झूले में विराजित
- श्री व्यंकटेश भक्तों को दर्शन देकर करेंगे कृतार्थ
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। नागपंचमी के साथ अब श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव की तैयारी प्रारंभ हो चुकी है। बिलासपुर में परंपरानुसार श्री व्यंकटेश मंदिर में शुक्रवार को झूला उत्सव की शुरूआत हुई। भगवान व्यंकटेश श्रीदेवी-भूदेवी के साथ झूले में विराजित हुए। शाम को वैदिक मंत्रोच्चार व पूजा-अर्चना के साथ महाआरती हुई। झूले पर विराजमान होकर भगवान ने अपने भक्तों को दर्शन देकर कृतार्थ किया। न्यायधानी के श्रीव्यंकटेश मंदिर में भी जन्माष्टमी को बेहद खास अंदाज में मनाया जाता है। नागपंचमी के दिन से यहां झूला उत्सव प्रारंभ हो जाता है। इसमें शामिल होने राज्यभर से भक्त उमड़ते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है।
जन्माष्टमी से पहले सजने लगा बाजार
जन्माष्टमी को लेकर खुशी ऐसी कि शहर के सभी मंदिर अब सजने लगे हैं। घरों में जोरशोर से तैयारियां शुरू होंगी। 26 अगस्त को जन्माष्टमी को भव्य बनाने के लिए भक्त भगवान की पोशाक, श्रृंगार सामग्री, झूलों की खरीदारी में जुट जाएंगे। मुंगेलीनाका, कंपनी गार्डन, गोलबाजार समेत शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर पूजन सामग्री, पोशाक, श्रृंगार सामग्री और डिजाइनर मटकी की खरीदी करेंगे। घोंघाबाबा मंदिर परिसर स्थित खाटू श्याम मंदिर, सरकंडा और मसानगंज व शंकर नगर स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में भव्य उत्सव होगा।
नागपंचमी पर भक्तों ने किया अभिषेक
नागपंचमी का महापर्व भव्य तरीके से मनाया गया। इस दिन के लिए शहर में खास उत्साह और धार्मिक देखने को मिला। शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिन्होंने नाग देवता की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। सावन माह के चलते, शिव मंदिरों में भक्तों की भारी संख्या देखी गई। भक्तों ने शिवलिंग पर दूध, फूल और नाग-नागिन की प्रतिमाएं चढ़ाईं। कालसर्प दोष निवारण के लिए विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन विभिन्न धार्मिक स्थलों पर किया गया। चौरसिया समाज ने विशेष पकवान जैसे दाल-बाटी और चूरमा बनाकर वितरण किया गया।