हर साल ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का विशाल और भव्य आयोजन किया जाता है। यह यात्रा 10 दिनों तक चलती है। इस पवित्र रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ अपनी बहन और भाई संग नगर का भ्रमण करते हैं। इस दौरान वे खास तरह से तैयार किए गए वस्त्रों को धारण करते हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Sun, 07 Jul 2024 09:43:15 AM (IST)
Updated Date: Sun, 07 Jul 2024 10:23:16 AM (IST)
HighLights
- इस साल 7 जुलाई यानी आज से रथयात्रा शुरू हो रही है।
- रथ यात्रा में भगवान के लिए खास तरह से वस्त्र बनते हैं।
- इन वस्त्रों को 25 बुनकरों के समूह द्वारा तैयार किया जाता है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Jagannath Rath Yatra 2024: हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन से ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत होती है। इस दिन भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलभद्र को तीन विशाल रथों में विराजित होकर नगर भ्रमण करते हुए अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। यहां वे नौ दिनों तक विश्राम करते हैं। इस साल 7 जुलाई यानी आज से रथयात्रा शुरू हो रही है। धूमधाम से यह यात्रा निकाली जाएगी। रथ यात्रा से पहले तीनों देवों के रथों से लेकर उनके वस्त्र तक हर चीज को विशेष रूप से तैयार किया जाता है।
ये बुनकर हर साल बनाते हैं वस्त्र
ओडिशा के खुर्दा जिले के राउतपाड़ा गांव में भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलभद्र के वस्त्रों का निर्माण किया जाता है। यहां एक बुनकरों का समूह इन वस्त्रों को विशेष रूप से तैयार करता है। ये बुनकर पिछले तीन दशकों से भगवान जगन्नाथ के लिए वस्त्र तैयार करते आ रहे हैं। इन वस्त्रों से वे हर साल तीनों देवों को रथ यात्रा के लिए सजाते हैं। इस साल भी गोविंद चंद्र दास के परिवार की अगुवाई में बुनकरों के समूह ने इन वस्त्रों को तैयार किया है।
इस तरह बनाए जाते हैं वस्त्र
- तीनों देवों के लिए सात दिनों के वस्त्र बनाए जाते हैं। जो कॉटन के होते हैं, इन्हें आंग लागी वस्त्र कहा जाता है। 35 सालों से बुनकर इन्हें तैयार करते आ रहे हैं।
- इस साल भगवान जगन्नाथ के लिए 25 बुनकरों के एक ग्रुप ने वस्त्र तैयार किए हैं। इसमें 96 साल की दादी मां भी शामिल हैं।
- भगवान जगन्नाथ के लिए अलग-अलग रंगों के रेशमी और सूती कपड़े का इस्तेमाल कर वस्त्रों को तैयार किया जाता है।
- सात दिन के वस्त्रों के लिए सात अलग-अलग रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें लाल वस्त्र, सफेद काला वस्त्र, पांच रंग का वस्त्र, हल्दी रंग का वस्त्र, सफेद रंग का वस्त्र और काला रंग का वस्त्र शामिल है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’