Jyeshtha Purnima 2024: भगवान सत्यनारायण की पूजा के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा है सबसे उत्तम दिन, जानिए विधि

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हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 21 जून 2024 को सुबह 06:01 बजे शुरू होगी।

By Ekta Sharma

Publish Date: Fri, 07 Jun 2024 12:39:30 PM (IST)

Updated Date: Fri, 07 Jun 2024 12:39:30 PM (IST)

ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि और पूजा विधि।

HighLights

  1. इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून 2024 को मनाई जाएगी।
  2. इस दिन भगवान को पीले वस्त्र और फूल माला अर्पित करें।
  3. व्रत करने वाले को तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए।

धर्म डेस्क, इंदौर। Jyeshtha Purnima 2024: पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा को समर्पित है। पूर्णिमा तिथि हर महीने आती है और इस दिन कई तरह के धार्मिक कार्य किए जाते हैं। इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून 2024 को मनाई जाएगी। आइए, जानते हैं कि इस दिन किस तरह भगवान सत्यनारायण की पूजा करनी चाहिए और इसके लिए शुभ मुहूर्त क्या है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 21 जून 2024 को सुबह 06:01 बजे शुरू होगी। यह तिथि अगले दिन 22 जून 2024 को सुबह 05:07 बजे समाप्त होगी। इस तरह ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून, शुक्रवार को मनाई जाएगी। वहीं, व्रत 21 जून को रखा जाएगा।

भगवान सत्यनारायण पूजा विधि

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • इसके बाद एक वेदी पर भगवान विष्णु, भगवान सत्यनारायण और देवी लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
  • फिर उनका पंचामृत से अभिषेक करें।
  • भगवान को गोपी चंदन और हल्दी का तिलक लगाएं।
  • भगवान को पीले वस्त्र और फूल माला अर्पित करें।
  • भगवान के सामने घी का दीपक जलाएं और तुलसी के पत्ते चढ़ाएं।
  • इस दिन पंचामृत और पंजीरी का भोग जरूर लगाएं।
  • पूजा के दौरान भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ें।
  • अंत में भगवान सत्यनारायण की आरती के साथ पूजा का समापन करें।
  • व्रत करने वाले को तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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