Menu
Call us
Whatsapp
Call us
Whatsapp
Menu
News
Bareilly Business
Add Post
Register
Login
Contact us
News
Bareilly Business
Add Post
Register
Login
Contact us
Home न्यूज़

Jagannatha Ratha Yatra 2024: इस कारण हर साल निकाली जाती है जगन्नाथ रथ यात्रा, बेहद खास होते हैं रथ

bareillyonline.com by bareillyonline.com
21 April 2024
in न्यूज़
4 0
0
7
SHARES
37
VIEWS
WhatsappFacebookTwitterThreads

[ad_1]

भगवान जगन्‍नाथ की रथयात्रा का त्‍योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।

By Ekta Sharma

Publish Date: Sun, 21 Apr 2024 12:52 PM (IST)

Updated Date: Sun, 21 Apr 2024 12:52 PM (IST)

Jagannatha Ratha Yatra 2024: इस कारण हर साल निकाली जाती है जगन्नाथ रथ यात्रा, बेहद खास होते हैं रथ
जगन्नाथ रथ यात्रा क्यों निकाली जाती है?

HighLights

  1. इस बार जगन्नाथ रथ यात्रा 7 जुलाई से शुरू होने जा रही है।
  2. इस विशेष अवसर पर भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है।
  3. ऐसा करने से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।

धर्म डेस्क, इंदौर। Jagannatha Ratha Yatra 2024: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा को रथ महोत्सव और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। इस बार जगन्नाथ रथ यात्रा 7 जुलाई से शुरू होने जा रही है। शास्त्रों के अनुसार, इस विशेष अवसर पर भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है। ऐसा करने से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। भगवान जगन्‍नाथ की रथयात्रा का त्‍योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। आइए, जानते हैं कि हर साल क्यों जगन्नाथ रथ यात्रा क्यों आयोजित की जाती है।

इस कारण निकाली जाती है रथ यात्रा

पद्म पुराण के अनुसार, एक बार भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर भ्रमण की इच्छा व्यक्त की। इसके लिए भगवान जगन्नाथ ने सुभद्रा को रथ पर बैठाया और उन्हें नगर दिखाया। इस दौरान वह अपनी मौसी के घर भी गए। जहां वह सात दिनों तक रहे। ऐसा माना जाता है कि तब से हर साल भगवान जगन्नाथ को निर्वासित करने की परंपरा जारी है।

जगन्नाथ रथ यात्रा की खासियत

  • भगवान जगन्नाथ के रथ में 16 पहिये होते हैं। रथ को शंखचूड़ की रस्सी से खींचा जाता है। रथ को बनाने में नीम की लकड़ी का उपयोग किया जाता है।
  • इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और देवी सुभद्रा तीन विशाल और भव्य रथों पर विराजित किए जाते हैं। सबसे आगे बलराम जी का रथ चलता है, बीच में बहन सुभद्रा होती हैं और पीछे भगवान जगन्नाथ जी का रथ चलता है।
  • रथ को बनाने में कील का उपयोग नहीं किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, किसी भी आध्यात्मिक कार्य में कील या कांटों का प्रयोग करना अशुभ माना जाता है।
  • बता दें कि भगवान बलराम और देवी सुभद्रा का रथ लाल रंग का होता है और भगवान जगन्नाथ का रथ लाल या पीले रंग का होता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

[ad_2]

Source link

Advertisement Banner

Trending Now

edit post
सर्दियों में अपनी कार की कैसे करें देखभाल, ये 5 टिप्स कर सकते हैं आपकी मदद
ऑटोमोबाइल

सर्दियों में अपनी कार की कैसे करें देखभाल, ये 5 टिप्स कर सकते हैं आपकी मदद

6 months ago
edit post
न्यूज़

राशन की दुकानों पर नमक वितरण का मामला गरमाया, सीडीओ ने दिए जांच के आदेश

1 week ago
edit post
न्यूज़

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 30 जून 2025 को बरेली का दौरा करेंगी

2 days ago
edit post
न्यूज़

डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त: बरेली और बदायूं में तनाव

4 days ago
No Result
View All Result
  • न्यूज़
  • एंटरटेनमेंट
  • स्पोर्ट्स
  • व्रत त्यौहार
  • ऑटोमोबाइल
  • हैल्थ
  • ब्लॉग
  • बरेली बिज़नेस
  • Contact

© 2025 Bareilly Online bareillyonline.

Go to mobile version