दो लाख रुपये की पोशाक पहनकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे जगन्नाथ, कारीगर डेढ़ माह से कर रहे हैं तैयारी


रथ यात्रा के बाद जन्माष्टमी के लिए पोशाक बनाने का काम शुरू होगा। भगवान की पोशाक तैयार करने के लिए कपड़ा, धागा, मोती, डायमंड, कुंदन आदि सामग्री देश के विभिन्न शहरों से मंगवाई जाती है।

By Kushagra Valuskar

Publish Date: Fri, 28 Jun 2024 10:52:49 PM (IST)

Updated Date: Fri, 28 Jun 2024 10:52:49 PM (IST)

भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ व सुभद्राजी के लिए पोशाक तैयार करते कारीगर।

HighLights

  1. दो लाख रुपये से तैयार हो रही भगवान की पोशाक।
  2. आठ कारीगर डेढ़ माह से पोशाक तैयार करने में जुटे।
  3. पोशाक तैयार करने के लिए विशेष यूनिट स्थापित है।

नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। आषाढ़ शुक्ल द्वितीया पर 7 जुलाई को इस्कॉन मंदिर की रथ यात्रा निकलेगी। इस बार भगवान जगन्नाथ भक्तों को दो लाख रुपये मूल्य की पोशाक पहनकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। मुंबई, कोलकाता, वाराणसी के आठ कारीगर डेढ़ माह से भगवान के लिए पोशाक तैयार कर रहे हैं।

डायमंड से सुंदर सजावट की जा रही है

राघव पंडित दास प्रभु ने बताया करीब दो लाख रुपये से तैयार हो रही भगवान की पोशाक अत्यंत सुंदर है। बेंगलुरू से मंगवाए गए प्योर सिल्क के कपड़े से तैयार की जा रही हरे रंग की पोशाक पर कसीदेकारी के लिए उज्जैन से रेशम का धागा खरीदा गया है। दिल्ली के मोती व मुंबई से मंगवाए गए डायमंड से सुंदर सजावट की जा रही है।

ड्रेस डिजाइनर पंकज नेत्र प्रभुजी के मार्ग दर्शन में मुंबई, कोलकाता, वाराणसी के आठ कारीगर डेढ़ माह से पोशाक तैयार करने में जुटे हैं। कार्यशाला के प्रभारी व्यासदेव प्रभुजी व मदनमोहन प्रभुजी हैं।

वर्षभर तैयार होती है पोशाक

इस्कॉन मंदिर परिसर में भगवान की पोशाक तैयार करने के लिए विशेष यूनिट स्थापित है। इसमें रथ यात्रा, जन्माष्टमी, राधा अष्टमी सहित अन्य पर्व त्यौहार पर भगवान के विशेष शृंगार के लिए पोशाक तैयार की जाती है।

देश विदेश से मंगवाई जाती है सामग्री

भगवान की पोशाक तैयार करने के लिए कपड़ा, धागा, मोती, डायमंड, कुंदन आदि सामग्री देश के विभिन्न शहरों से मंगवाई जाती है। कई बार विदेशों से भी सामग्री मंगवाना पड़ती है। प्रतिवर्ष नित्यानंद त्रयोदशी पर भगवान का देश विदेशी फूलों से पुष्प विन्यास किया जाता है।



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