Hartalika Teej 2024: कब मनाई जाएगी हरतालिका तीज? सुहागिन महिलाओं के लिए है महत्वपूर्ण


हरतालिका तीज की तिथि पर भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इस तीज पर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है। सुहागिन महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के साथ इस व्रत करती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे सोलह श्रृंगार करती हैं और मां पार्वती को सुहाग का सामान अर्पित करती हैं।

By Ekta Sharma

Publish Date: Fri, 23 Aug 2024 02:37:02 PM (IST)

Updated Date: Fri, 23 Aug 2024 02:37:02 PM (IST)

हरतालिका तीज पर पूरी रात जागकर भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

HighLights

  1. यह व्रत विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं।
  2. इस दिन मां पार्वती ने भगवान शिव के लिए व्रत किया था।
  3. हरतालिका तीज का व्रत बिना पानी पिए रखने की प्रथा है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Hartalika Teej 2024: हिंदू धर्म में हरतालिका तीज व्रत सबसे कठिन और फलदायी व्रतों में से एक माना जाता है। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए और कुंवारी कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए रखती हैं। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत रखा जाता है।

कहा जाता है कि इस दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए निर्जला व्रत किया था। इस कारण हरतालिका तीज पर निर्जला व्रत रखा जाता है और पूरी रात जागकर भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। आइए, जानते हैं कि इस बार यह व्रत किस दिन रखा जाएगा।

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हरतालिका तीज 2024 तिथि

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हरतालिका तीज का त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो इस बार 5 सितंबर गुरुवार को दोपहर 12.21 बजे शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 6 सितंबर 2024 दिन शुक्रवार को दोपहर 3 बजकर 01 मिनट पर होगा।

उदया तिथि के अनुसार, हरतालिका तीज व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा। पहली हरतालिका तीज पूजा का शुभ समय 6 सितंबर को सुबह 6:01 बजे से सुबह 8:32 बजे तक रहेगा।

हरतालिका तीज पूजा सामग्री

हरतालिका तीज की पूजा के लिए आप किसी नदी या तालाब के पास की मिट्टी से शिवलिंग बना सकते हैं। इसके साथ ही मां गौरी की मूर्ति भी स्थापित करें।

पूजा के लिए आपको चंदन, जनेऊ, फूल, नारियल, अक्षत, 5 पान के पत्ते, 5 इलायची, 5 सुपारी, पांच लौंग, 5 फल, दक्षिणा, मिठाई, चौकी, धतूरा फल, कलश, अभिषेक के लिए तांबे का बर्तन, दूर्वा, आक का फूल, घी, दीपक, अगरबत्ती, लोबान, कपूर, व्रत कथा पुस्तक, बेलपत्र, जातीपत्र, सेवंतिका, बांस, देवदार का पत्ता, चंपा, कनेर, अगस्त्य, भृंगराज, धतूरा, आम के पत्ते, अशोक के पत्ते, पान के पत्ते, केले के पत्ते, शमी के पत्ते आदि सामग्री की जरूरत पड़ेगी।

इन बातों का रखें ध्यान

  • हरतालिका तीज का व्रत बिना पानी पिए रखने की प्रथा है।
  • इस दिन भूलकर भी अन्न या जल का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • इस खास दिन पर साफ-सफाई और पवित्रता का भी ध्यान रखना चाहिए।
  • इसके लिए मंदिर और घर में गंगाजल छिड़क सकते हैं।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’



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