Hanuman Janmotsav 2024: साल में दो बार क्यों मनाया जाता है हनुमान जन्मोत्सव? जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा


पौराणिक कथाओं के अनुसार, वीर हनुमान का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को माता अंजनी की कोख से हुआ था।

By Ekta Sharma

Publish Date: Mon, 22 Apr 2024 06:28 PM (IST)

Updated Date: Mon, 22 Apr 2024 06:28 PM (IST)

हनुमान जी के जन्म से जुड़े कथाएं।

HighLights

  1. इस बार हनुमान जन्मोत्सव 23 अप्रैल 2024, मंगलवार को मनाया जाएगा।
  2. यह सवाल उठता है कि उनका जन्मोत्सव साल में दो बार क्यों मनाया जाता है।
  3. आज हम आपको इस सवाल का जवाब दे रहे हैं।

धर्म डेस्क, इंदौर। Hanuman Janmotsav 2024: हनुमान जन्मोत्सव का दिन बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह साल में दो बार मनाया जाता है। एक उत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा को और दूसरा कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार हनुमान जन्मोत्सव 23 अप्रैल 2024, मंगलवार को मनाया जाएगा। हनुमान जी के जन्म को लेकर यह सवाल उठता है कि उनका जन्मोत्सव साल में दो बार क्यों मनाया जाता है। आज हम आपको इस सवाल का जवाब दे रहे हैं। हनुमान जी का जन्मोत्सव साल में दो बार मनाने के पीछे पौराणिक कथा प्रचलित है।

इस कारण मनाया जाता है हनुमान जन्मोत्सव

धर्मग्रंथों के अनुसार, एक बार भूख से बालक हनुमान ने भोजन की लालसा में सूर्य देव को फल समझकर निगल लिया था। जब इंद्र देव ने उनसे सूर्य देव को अपने मुंह से हटाने के लिए कहा, तो उन्होंने मना कर दिया, जिससे इंद्र देव क्रोधित हो गए। उन्होंने जाकर हनुमान जी पर वज्र से हमला कर दिया, जिससे वे बेहोश होकर गिर गए। यह सब देखकर पवन देव क्रोधित हो गये और उन्होंने समस्त संसार से वायु का प्रवाह रोक दिया।

इसके बाद भगवान ब्रह्मा और अन्य देवताओं ने अंजनी पुत्र को दूसरा जीवन दिया और उन्हें कुछ दिव्य शक्तियां भी दीं। यह घटना चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन घटी, तभी से इस दिन को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।

इस दिन हुआ था अंजनी पुत्र का जन्म

पौराणिक कथाओं के अनुसार, वीर हनुमान का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को माता अंजनी की कोख से हुआ था। कहा जाता है कि उनके जन्म के समय कई तरह के शुभ संयोग बने थे, जिनका बनना बहुत दुर्लभ माना जाता है।

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