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उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार वर्षभर में आने वाली बारह पूर्णिमा में आषाढ़ी पूर्णिमा कुल भैरव के पूजन के लिए खास मानी गई है। आषाढ़ी पूर्णिमा पर अष्ट महाभैरव की यात्रा का उल्लेख मिलता है। उज्जैन को अष्ट महाभैरव तीर्थ कहा गया है।
By Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Wed, 17 Jul 2024 08:24:35 AM (IST)
Updated Date: Wed, 17 Jul 2024 08:24:35 AM (IST)

HighLights
- गुरुकुल-पाठशालाओं में मनाया जाएगा उत्सव।
- उज्जैन शहर के भैरव मंदिरों में छाएगा उल्लास।
- उत्तराषाढा नक्षत्र होने से ही सर्वार्थ सिद्धि योग ।
भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन में 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा। इस बार पूर्णिमा पर सुबह 6 बजे से मध्य रात्रि तक सर्वार्थसिद्धि योग का महासंयोग रहेगा। इस योग में मंत्र दीक्षा, गुरु दीक्षा, विद्या प्राप्ति के साथ धर्म अनुष्ठान का संकल्प लिया जा सकता है। गुरुपूर्णिमा भैरव पूर्णिमा के नाम से भी जानी जाती है। इस दिन घरों में कुल परंपरा अनुसार भैरव पूजन किया जाएगा। अष्ट महाभैरव मंदिरों में अभिषेक पूजन, शृंगार, हवन अनुष्ठान तथा महाआरती होगी।
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा रविवार के दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र तथा मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। रविवार के दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से ही सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। मुहूर्त चिंतामणि की गणना से देखें तो उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तरा भाद्रपद यह यह तीनों नक्षत्र धनदायक व प्रगतिकारक माने गए हैं।
इस योग में की गई विशेष प्रकार की साधना सिद्ध की जा सकती है। भारतीय ज्योतिष व धर्मशास्त्र की इसी मान्यता से जीवन में आ रही बाधाओं के निवारण तथा इच्छित सफलता के लिए इस दिन भगवान भैरव की साधना आराधना करने का विधान है। गुरु की कृपा प्राप्ति के लिए भी यह दिन विशेष है।
कुल भैरव के पूजन का खास दिन
- वर्षभर में आने वाली बारह पूर्णिमा में आषाढ़ी पूर्णिमा कुल भैरव के पूजन के लिए खास है।
- इस दिन कुल देवता की प्रसन्नता के लिए कुल परंपरा अनुसार भैरवजी के पूजन की मान्यता।
- परंपरा अनुसार अथवा शास्त्रीय पद्धति से की जाने वाली पूजा से घर में कुल की वृद्धि होती है।
- संतान की प्राप्ति और संतान की सुरक्षा के लिए कुल भैरव का पूजन करना शुभ फलदायी है।
- ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस दिन कुल भैरव का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
उज्जैन में अष्ट भैरव तीर्थ यात्रा की परंपरा
स्कंद पुराण के अवंति खंड की मान्यता के अनुसार उज्जैन को अष्ट महाभैरव तीर्थ कहा गया है। अष्ट महाभैरव को आठ दिशाओं का अधिपति माना गया है। इनमें कालभैरव, आताल पाताल भैरव, आनंद भैरव, दंडपाणि भैरव आदि शामिल है। आषाढ़ी पूर्णिमा पर अष्ट महाभैरव की यात्रा का उल्लेख मिलता है। नगरवासी बाधा बंधन, अज्ञाय भय, रोग दोष की निवृत्ति के लिए अष्टमहाभैरव के दर्शन व पूजन करने जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार भैरव की प्रसन्नता के लिए उन्हें पानी वाला नारियल तथा इमरती का भोग लगाना चाहिए।
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