मान्यता है कि गंगा दशहरा पर मोक्ष दायिनी गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि मिलती है।अवसर पर भगवान श्री विष्णु को सत्तू का भोग अर्पित किया जाता है। पंडितों के अनुसार गंगा दशहरे पर आप जो भी दान करें उसकी संख्या 10 होनी चाहिए। इसके साथ ही गंगादशहरा पर जल के दान का भी विशेष महत्व होता है।
By Jogendra Sen
Publish Date: Mon, 10 Jun 2024 09:12:30 AM (IST)
Updated Date: Mon, 10 Jun 2024 12:57:28 PM (IST)
HighLights
- ज्येष्ठ माह की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जायेगा ।
- मान्यता है कि इस दिन पृथ्वी पर मां गंगा का अवतरण हुआ था।
- गंगा दशहरा के दिन जरूरतमंदों को दान करने से व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि होती है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। ज्येष्ठ माह की दशमी तिथि 16 जून को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जायेगा । इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन शुभ योगों में मां गंगा का पूजा-पाठ करना बेहद शुभ फलदायी होता है। यह पर्व शहर में पूर्ण श्रद्धाभाव के साथ मनाया जायेगा। इस दिन मां गंगा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।
मान्यता है कि इस दिन पृथ्वी पर मां गंगा का अवतरण हुआ था। गंगा दशहरा पर मोक्ष दायिनी गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा स्नान करने से व्यक्ति के 10 पाप नष्ट हो जाते हैं। गंगा दशहरा के अवसर पर भगवान श्री विष्णु को सत्तू का भोग अर्पित किया जाता है। मंदिरों में गंगा दशहरा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। अचलेश्वर मंदिर पर बर्फ से शिवलिंग को सजाया जाता है। राम मंदिर में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम माता सीता के साथ नौका विहार करते हुए श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन जरूरतमंदों को दान करने से व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि होती है। इस दिन शिव जी की पूजा करना शुभ होता है, क्योंकि गंगा नदी शिवजी की जटाओं से निकलती हैं। गंगा दशहरा के दिन पूजा के दौरान कुछ खास मंत्रों का जाप और गंगा स्त्रोत पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का आरंभ 16 जून को देर रात दो बजकर 31 मिनट पर हो रहा है। वहीं इसका समापन 17 जून को सुबह 04 बजकर 42 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि को आधार मानते हुए गंगा दशहरा 16 जून को मनाया जाएगा।
इस दौरान स्नान-दान करना शुभ है। शुभ मुहूर्त सुबह सात बजकर आठ मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक रहने वाला है।
गंगा दशहरा पर पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं। अगर गंगा स्नान नहीं कर पाएं तो घर पर ही गंगाजल बाल्टी में डालकर स्नान कर लें। वहीं इसके बाद अब तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें गंगाजल, अक्षत और फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। साथ ही गंगा आरती कर मंत्रों का जाप करें। इस दिन गरीबों और जरूरतमदों को फल, जूता, चप्पल, छाता, घड़ा और वस्त्र दान करने का विधान है। इस दिन गंगा स्नान करने से सभी तरह के पाप, रोग, दोष और विपत्तियों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
दशहरा पर 10 के अंक का महत्व
गंगा दशहरे पर आप जो भी दान करें उसकी संख्या 10 होनी चाहिए। साथ ही जिन वस्तुओं का पूजन करें उनकी भी संख्या 10 होनी चाहिए। गंगा दशहरे पर गंगा नदी में स्नान करने का भी विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से आपके सभी पापों का अंत होता है।
जल व सत्तू के दान का महत्व
गंगादशहरा पर जल के दान का विशेष महत्व होता है। इसीलिए लोग शर्बत व मीठे जल का वितरण करते हैं। इसके साथ ही सत्तू का दान किया जाता है। भीषण गर्मी में सत्तू शरीर को शीतलता प्रदान करता है। सत्तू भूने हुए,चने, जौ, व गेंहू से तैयार किया जाता है। घरों में सत्तू बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले चने, जौ व गेहूं को पानी से धोकर सुखाया जाता है। उसके बाद इसे भाड़ में भुनाते हैं और चक्की पर पिसकर सत्तू तैयार किया जाता है। कई प्रकार का सत्तू बाजार में उपलब्ध है।