Ganga Dussehra 2024: चार शुभ संयोग में मनाया जाएगा गंगा दशहरा, ये चीजें दान करने से मिलता है पुण्य


Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा का पर्व 16 जून रविवार को जाएगा। इस दिन पानी या फिर शर्बत से भरा कलश दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। कलश दान का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। अगर वह जल से भरा हो तो और भी शुभ है।

By Kushagra Valuskar

Publish Date: Sat, 15 Jun 2024 10:38:31 PM (IST)

Updated Date: Sat, 15 Jun 2024 10:38:31 PM (IST)

गंगा दशहरा 2024

HighLights

  1. गंगा दशहरा पर सत्तू व मौसमी फल का भोग अर्पित करें।
  2. गंगा दशहरा पर जल से भरे कलश का दान करना शुभ।

धर्म डेस्क, ग्वालियर। Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा का पर्व 16 जून रविवार को पूर्ण श्रद्धाभाव के साथ मनाया जाएगा। गंगा दशहरा का पर्व मोक्षदायिनी गंगाजी के स्वर्ग से धरती के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गंगाजी में डूबकी लगाने का विशेष महत्व है। वहीं, गंगाजल की दो बूंद जल में डालकर स्नान कर पुण्य प्राप्त किया जा सकता है।

गंगास्नान व दान का विशेष महत्व

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस शुभ अवसर पर गंगा स्नान और दान करने का अधिक महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इन कार्यों को करने से इंसान को बुरे कर्मों छुटकारा मिलता है और भाग्य में वृद्धि होती है। इसके अलावा पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

गंगा दशहरा के दिन चार शुभ संयोग

अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग सहित हस्त नक्षत्र का निर्माण हो रहा है।इस शुभ मुहूर्त में मां गंगा और भोलेबाबा की आराधना करना और दान-पुण्य के कार्यों का बड़ा महत्व बताया गया है।

गंगा दशहरा पर शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 16 जून को सुबह 02 बजकर 32 मिनट पर होगी और वहीं, इसका समापन 17 जून को सुबह 04 बजकर 43 मिनट पर होगा। ऐसे में गंगा दशहरा 16 जून को मनाया जाएगा।

गंगा दशहरा 10 की संख्या का महत्व

गंगा दशहरे पर आप जो भी दान करें उसकी संख्या 10 होनी चाहिए। साथ ही जिन वस्तुओं का पूजन करें उनकी भी संख्या 10 होनी चाहिए। गंगा दशहरे पर पानी या फिर शर्बत से भरा कलश दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। कलश दान का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। यदि वह जल से भरा हो तो और भी शुभ है। ऐसा करने से आपके सभी पाप धुल जाते हैं और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरे पर छाता, जूता, चप्पल और टोपी का दान करना भी परमफलदायी माना गया है। दरअसल गंगा दशहार ज्येष्ठ मास में होता है और इस वक्त गर्मी चरम पर होती है। इसलिए धूप से बचाने वाली वस्तुओं का दान करना शास्त्रों में परम पुण्य माना गया है।

सत्तू व मौसमी फलों का भी दान करें

गंगा दशहरे पर सत्तू, पानीदार फल और मौसमी फलों का दान करना भी शुभ माना जाता है। इस दिन सत्तू के साथ दान करने की वस्तुओं में गुड़ भी रखा जाता है। गंगा दशहरे पर शरीर को ठंडक प्रदान करने वाले सूती वस्त्र, गमछा और धोती किसी ब्राह्मण को दान करने चाहिए। साथ ही इस सामर्थ्य के अनुसार कुछ दक्षिणा भी गरीब ब्राह्मण को देनी चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’



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