हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पड़ती है। इस तरह से हर महीने में दो बार एकादशी तिथि और साल में 24 एकादशी तिथि आती हैं। इस दिन का बहुत महत्व होता है। इस दिन के बारे में गीता में भी लिखा गया है। जानिए कब है इस महीने की दोनों महत्वपूर्ण एकादशी की तिथियां और उनका शुभ मुहूर्त।
By Shashank Shekhar Bajpai
Edited By: Shashank Shekhar Bajpai
Publish Date: Thu, 05 Sep 2024 01:07:50 PM (IST)
Updated Date: Thu, 05 Sep 2024 01:11:53 PM (IST)
HighLights
- परिवर्तिनी एकादशी के लिए करवट बदलते हैं भगवान विष्णु।
- व्रत कथा को सुनने पर हजारों अश्वमेध यज्ञ का पुण्य मिलता है।
- पूजा करने के लिए राहुकाल के समय को छोड़ देना चाहिए।
शशांक शेखर बाजपेई, इंदौर। भाद्रपद के महीने में परिवर्तिनी एकादशी शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को पड़ेगी। इसे पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि विष्णु भगवान इस समय योग निद्रा में होते हैं और एकादशी तिथि के दिन वह करवट बदलते हैं।
इस वजह से इस तिथि को परिवर्तिनी एकादशी तिथि के नाम से भी जानते हैं। कहते हैं कि इस दिन विधि-विधान से विष्णु भगवान का पूजन करने से पापों का नाश होता है और मृत्यु के बाद जीव को बैकुंठ में स्थान मिलता है। व्रत कथा को सुनने वालों को हजारों अश्वमेध यज्ञ कराने के बराबर पुण्य फल मिलता है।
कब है परिवर्तिनी एकादशी और मुहूर्त
इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास के अनुसार, भादों की एकादशी 13 सितंबर शुक्रवार को रात 10.30 बजे शुरू होकर 14 सितंबर शनिवार को रात 8.41 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि लेने की वजह से 14 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत किया जाएगा।
पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि राहुकाल सुबह 09:11 बजे से 10:44 बजे तक रहेगा। लिहाजा, राहुकाल में पूजा नहीं करें। परिवर्तिनी एकादशी के दिन रवि योग, शोभन योग रहेगा। इसके बाद सर्वार्थ सिद्धि योग रात 8.32 बजे बनेगा। सूर्योदय से रात 8.32 तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और उसके बाद श्रवण नक्षत्र लग जाएगा।
इंदिरा एकादशी अश्विनी माह के कृष्ण पक्ष में पड़ेगी
पंडित गिरीश व्यास के अनुसार, इसके बाद 28 सितंबर को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। अश्विनी माह के कृष्ण पक्ष में 27 सितंबर को दोपहर 1.20 बजे एकादशी तिथि लगेगी, जो 28 सितंबर को दोपहर 2.49 बजे तक रहेगी। उदियातिथि के अनुसार, 28 सितंबर को ही एकादशी का व्रत और पूजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पितृपक्ष के समय पर इंदिरा एकादशी का व्रत पड़ रहा है। मान्यता है कि इस एकादशी के व्रत और पूजन से पूजा करने वाले के उन पितरों को यमलोक से मोक्ष मिलता है, जो जाने अनजाने में कुछ पाप करके अधोगति को प्राप्त हुए होते हैं।