52 साल बाद जयंती योग सहित छह महायोगों में जन्माष्टमी, राशि अनुसार लगाएं भोग


इस वर्ष 26 अगस्त को अष्टमी तिथि रात्रि 2.20 बजे तक है। मध्य रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र है। शास्त्रों में इसे ही जन्माष्टमी का शुभ संयोग माना गया है।

By Shravan Kumar Sharma

Publish Date: Sat, 24 Aug 2024 08:31:42 PM (IST)

Updated Date: Sat, 24 Aug 2024 08:50:36 PM (IST)

26 अगस्‍त को मनाया जाएगा श्रीकृष्‍ण जन्‍मोत्‍सव।

HighLights

  1. इस साल 26 अगस्‍त को जन्माष्टमी, 27 को नंदोत्सव मनाया जाएगा।
  2. बन रहे सर्वार्थसिद्धि, स्थिर योग, हर्षण योग, शश योग, गजकेशरी योग।
  3. शुभ संयोगों में भगवान श्रीकृष्‍ण की पूजा का माना गया है महत्‍व।

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। इस बार जन्माष्टमी पर 52 वर्ष बाद जयंती योग सहित छह योग का संयोग बन रहा है। सर्वार्थसिद्धि, स्थिर योग, हर्षण योग, शश योग, गजकेशरी योग का संयोग है। इन महासंयोगों में भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने से शुभदायी फल की प्राप्ति होगी।

ज्योतिषाचार्य डा.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार ”’निर्णयामृत” और ”तिथितत्व” नामक ग्रंथ कहते हैं, कि जन्माष्टमी या तो रोहिणी नक्षत्र युक्त या बिना रोहिणी नक्षत्र वाली हो सकती है। बिना रोहिणी नक्षत्र वाली अष्टमी तिथि यदि हो तो जिस मध्य रात्रि को अष्टमी तिथि हो तो दूसरे दिन रात्रि के समय जन्माष्टमी मनाई जानी चाहिए।

स्मार्त और वैष्णव अर्थात संन्यासी और गृहस्थ दोनों ही एक ही दिन 26 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे। अगले दिन 27 को नंदोत्सव की धूम रहेगी।

ऐसे करें श्रीकृष्‍ण का पूजन

  • प्रात:काल भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करके पीले चावल लेकर व्रत का संकल्प लें।
  • दोपहर में मां देवकी का स्मरण कर झूला स्थापित करें।
  • रात्रि 12 बजे बाल कृष्ण की प्रतिमा को जल, दूध, चन्दन युक्त जल से स्नान कराएं।
  • वस्त्र और श्रृंगार अर्पित कर भोग लगाएं।
  • रात्रि जागरण कर ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।

इन वस्‍तुओं का भोग लगाएं

  • मेष : लड्डू और अनार का भोग लगाएं
  • वृषभ : रसगुल्ले का भोग
  • मिथुन :काजू की मिठाई
  • कर्क : नारियल की बर्फी
  • सिंह : गुड़ व बेल का फल
  • कन्या : तुलसी के पत्ते और हरा फल
  • तुला : कलाकंद और सेब
  • वृश्चिक : गुड़ की मिठाई
  • धनु : बेसन की मिठाई
  • मकर : गुलाब जामुन और काले अंगूर
  • कुंभ : पीसा धनिया, शक्कर, चीकू चढ़ाएं
  • मीन : जलेबी, केला



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