Voyager 1 farthest spacecraft from Earth sending incoherent data back to NASA


NASA का Voyager 1 स्पेसक्राफ्ट वर्तमान में मनुष्य द्वारा अंतरिक्ष में भेजी गई सबसे दूर पहुंचने वाली वस्तु है। यानी यह स्पेसक्राफ्ट मनुष्य से सबसे दूर मौजूद है। यह 24 अरब किलोमीटर दूर पहुंच चुका है। लेकिन इसको ऑपरेट करने वाले वैज्ञानिकों की चिंता अब बढ़ गई है। स्पेसक्राफ्ट पिछले कुछ समय से सही से काम नहीं कर रहा है। यह स्पेस एजेंसी के मिशन कंट्रोलर्स के पास अजब डेटा भेज रहा है जो तर्कसंगत नहीं है। यानी कि स्पेसक्राफ्ट उट-पटांग डेटा दे रहा है। 

नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी में कार्यरत सुजेन डॉड के अनुसार, स्पेसक्राफ्ट ने उनसे एक संगत तरीके से बात करना बंद कर दिया है। सुजेन डॉड वॉयेजर इंटरस्टैलर मिशन में 2010 से जुड़ी हैं और इसके प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में काम कर रही हैं। Voyager 1 और इसका भाई Voyager 2, दोनों ही 40 साल से भी ज्यादा समय से अंतरिक्ष की यात्रा पर हैं। Science Friday के अनुसार, इन्हें नासा ने 1977 में लॉन्च किया था। धरती से ये स्पेसक्राफ्ट बहुत अधिक दूरी पर हैं। नासा का कहना है कि इनकी दूरी उस दूरी की 130 गुना है जो कि सूरज और धरती के बीच में है। 

स्पेसक्राफ्ट 4 साल के मिशन पर निकले थे। इन्हें जुपिटर, सेटर्न और उनके चंद्रमाओं के बारे में जानकारी जुटाने के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया था। यानी कि ये इनके निर्धारित मिशन से 35 साल ज्यादा काम कर चुके हैं। दोनों ही स्पेसक्राफ्ट्स ने बृहस्पति और शनि ग्रह के बारे में कई महत्वपूर्ण खोजें की हैं। इन्होंने जुपिटर के चंद्रमा पर सक्रिय ज्वालामुखियों का पता लगाया है। Voyager 2 यूरेनस और नेपच्यून तक भी खोज करने गया है। यह इकलौता स्पेसक्राफ्ट है जो इन दो ग्रहों तक पहुंचा है। 

Voyager 1 को लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं क्योंकि इसने नवंबर के बाद से अब तक धरती पर कोई भी संगत डेटा नहीं भेजा है। हां, इसने कुछ अद्भुत तस्वीरें खींची हैं जिनमें धरती की Pale Blue Dot इमेज भी शामिल है। Carl Sagan ने इसके माध्यम से बताया है कि हमारा अस्तित्व इस ब्रह्मांड में कितना छोटा है। 

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