विजया एकादशी के दिन पूजा के साथ-साथ इस व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए। एकादशी तिथि 6 मार्च को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर प्रारंभ हो रही है।
By Ekta Sharma
Publish Date: Sat, 02 Mar 2024 12:58 PM (IST)
Updated Date: Sat, 02 Mar 2024 12:58 PM (IST)
HighLights
- विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च, बुधवार को रखा जाएगा।
- इस दौरान भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है।
- पद्म पुराण और स्कंद पुराण में भी विजया एकादशी व्रत का जिक्र मिलता है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Vijaya Ekadashi 2024: विजया एकादशी का व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती और उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में विजया एकादशी के दिन पूजा के साथ-साथ इस व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए।
विजया एकादशी मुहूर्त
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 6 मार्च को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। यह तिथि 7 मार्च को सुबह 04:13 बजे समाप्त होगी। ऐसे में विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च, बुधवार को रखा जाएगा। व्रत का पारण अगले दिन यानी 7 मार्च को किया जाएगा।
विजया एकादशी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, त्रेता युग में जब भगवान राम, सीताजी को बचाने के लिए अपनी वानर सेना के साथ निकले, तो उनके सामने समुद्र पार करने और रावण पर विजय पाने का एक बड़ा लक्ष्य था। इसलिए भगवान श्री राम ने वकदाल्भ्य मुनि को अपनी समस्या बताई और उसका समाधान पूछा। इसके बाद ऋषि वकदाल्भ्य ने श्री राम को अपनी सेना सहित फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का व्रत करने को कहा।
ऋषि की सलाह मानकर श्री राम, लक्ष्मण, हनुमान जी सहित पूरी वानर सेना ने भी शीघ्रता से व्रत किया और पूरे विधि-विधान से पूजन किया। एकादशी माता ने प्रसन्न होकर सभी को दर्शन दिए और युद्ध में विजय का आशीर्वाद भी दिया। रावण से युद्ध में राम जी की सेना को विजय प्राप्त हुई।
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