धान की नई किस्म, भरपूर उपज और मुनाफे का वादा
धान की खेती पूरे देशभर में की जाती है। धान की अच्छी किस्म की खेती से किसानों को अधिक पैदावार मिल सकती है। खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की खेती के लिये जून में इसकी नर्सरी डालने का काम अधिकांश जगहों पर शुरू हो जाता है। धान की खेती में अधिक पानी की जरूरत होती है, इसलिए इसमें पानी का सही प्रबंधन बहुत जरूरी है। इसी के साथ कम समय में तैयार होने वाली सह्याद्रि केम्पुमुक्ति धान की किस्म से बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं।
सह्याद्रि केम्पुमुक्ति किस्म के बीज किए जाएंगे वितरित:
धान की यह नई किस्म सह्याद्रि केम्पुमुक्ति कृषि विभाग ने उत्पादन बढ़ाने के लिए विकसित किया है। अच्छी बात यह है कि करीब 9390 हेक्टेयर में सह्याद्रि केम्पुमुक्ति किस्म की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सह्याद्रि केम्पुमुक्ति किस्म के बीज किसानों के बीच वितरित किए जाएंगे। द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस नई किस्म की कीमत बाजारों में काफी ज्यादा है। इसलिए किसानों ने कीमतों को कम करने के लिए सरकार से गुजारिश करने की मांग की है। सह्याद्रि केम्पुमुक्ति अपनी उच्च उपज के लिए प्रसिद्ध है। इसका उत्पादन प्रति एकड़ लगभग 20-25 क्विंटल है।
इस किस्म की खासियत:
धान की यह किस्म सह्याद्रि केम्पुमुक्ति बहुत कम समय में तैयार होने वाली किस्म है। यह एमओ-4 किस्म की तुलना में कटाई से पूर्व ही तैयार हो जाती है। कृषि विभाग ने सह्याद्रि केम्पुमुक्ति के साथ जया, ज्योति, एमओ-4 और उमा किस्मों का भी स्टॉक किया है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक केम्पे गौड़ा ने बताया कि धान के बीज का वितरण करने के लिए 60.5 क्विंटल जया, 65.5 क्विंटल ज्योति, 198 क्विंटल एमओ-4 और 180 क्विंटल सह्याद्रि केम्पुमुक्ति के बीज खरीद लिये हैं।
सरकार दे रही है सब्सिडी: सरकार द्वारा प्रति टन बीज पर 800 रुपये की सब्सिडी मिल रही है और किसानों के लिए प्रति क्विंटल कीमत जया के लिए 3,850 रुपये, ज्योति- 4,600 रुपये, उमा- 3,925 रुपये, एमओ-4 और सह्याद्रि केम्पुमुक्ति के लिए 4,750 रुपये की सब्सिडी सरकार दे रही है।