नवजात शिशु की नींद के पैटर्न को लेकर परेशान हैं आप, तो डॉक्टर से जानें जरूरी बातें | things about newborn sleep you may be struggling with doctor explains in hindi


पेरेंट्स बनना हर महिला-पुरुष के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और खुशनूमा पल होता है। लेकिन नवजात के जन्म के बाद से भी माता-पिता होने के नाते आपकी जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है। इतना ही नहीं अक्सर रातों की नींद भी खराब हो जाती है। इस कारण पेरेंट्स अपने नवजात शिशु की नींद को लेकर काफी परेशान रहते हैं। नवजात शिशुओं के लिए नींद बहुत जरूरी है, लेकिन हर बच्चे के सोने का तरीका और जागना अलग-अलग होता है। 5 से 6 महीने तक के बच्चों को नींद का सही रूटीन बनाने में समय लगता है। बेबी स्लीप एक्सपर्ट डॉ. ऑब्री ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके नवजात शिशु की नींद के पैटर्न से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में बताया है। 

नवजात शिशु के सोने के पैटर्न से जुड़ी जरूरी बातें 

1. सोने-उठने का तय समय नहीं होना 

नवजात शिशुओं की नींद का कोई तय समय नहीं होता है और वे अलग-अलग समय पर सोते और जागते हैं, उनके सोने या उठने का कोई रूटीन नहीं होता है। 

2. सर्कैडियन लय का विकास होना 

शिशुओं का सर्केडियन लय धीरे-धीरे विकसित होता है। बच्चे एक तय इंटरनल क्लॉक के साथ पैदा नहीं होते हैं, इसलिए, वह दिन और रात में कंफ्यूज होते हैं। 

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3. झपकी लेने में बदलाव 

नवजात शिशुओं के लिए दिन में कम से कम 4 से 6 बार छोटी-छोटी झपकी लेना सामान्य बात है, जिस कारण वे दिन में कई बार सोते और जागते हैं। 

4. थोड़ी देर के लिए ही जागना

नवजात शिशु आमतौर पर झपकी लेने के दौरान सिर्फ 40 से 60 मिनट के लिए ही जागते हैं, जिसमें उनके दूध पीने के समय भी शामिल है। 

5. अनियमित नींद का समय

नवजात शिशु एक बार में 30 मिनट से लेकर 3 घंटे तक की झपकी ले सकते हैं, जो उनके बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। 

6. भूख और नींद के संकेत

शिशुओं को हर 2 से 3 घंटे में भूख लगती है। इसलिए उनके भूख या थकान के संकेतों को समझना जरूरी है। 

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7. चौंकने की प्रतिक्रिया

नवजात शिशु सोते समय अक्सर अचानक चौंक जाते हैं, इसलिए उन्हें आराम दिलाने के लिए कपड़े में आप उन्हें सही तरह से लपेट सकते हैं। 

8. देर से सोने का समय 

शिशुओं के रात 9 से 10 बजे के आसपास सोने का समय आम है, हालांकि वे रात में दूध पीने के लिए जागते हैं, जिस दौरान उन्हें सुलाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। 

नवजात शिशु की नींद के पैटर्न को मैंटेन करने या उनके बढ़ने के साथ रूटीन में बदलाव होने पर फोकस करें और किसी भी तरह की कंफ्यूजन होने पर डॉक्टर से एक्सपर्ट से सलाह लें। 

Image Credit: Freepik 

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