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बीते कुछ दिनों से केरल में वेस्ट नाइल वायरस के कई केस सामने आए हैं। बढ़ते मामलों के चलते राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से अलर्ट जारी किया है। वेस्ट नाइल वायरल की वजह से लोगों को बुखार, सिरदर्द, उलटी और दस्त आदि लक्षण महसूस हो रहे हैं। यह समस्या संक्रमित मच्छर के द्वारा काटने से फैलती है। इसमें मरीज के शरीर में दाने निकलने के साथ ही बुखार होने लगता है। इस संक्रमण में अधिकतर लोगों को बुखार कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन इसकी वजह से कमजोरी लंबे समय तक बनी रह सकती हैं। बुजुर्गों, बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को वेस्ट नाइल वायरस का खतरा अधिक होता है। इस लेख में नारायणा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन और सीनियर फिजिशियन कंसल्टेंट डॉक्टर पंकज वर्मा से जानते हैं कि वेस्ट नाइल वायरस में क्या लक्षण महसूस होते हैं? साथ ही, वेस्ट नाइल वायरस से बचाव के लिए क्या उपाय अपना सकते हैं।
वेस्ट नाइल वायरस क्या है? – What is West Nile Virus In Hindi
वेस्ट नाइल एक वायरस है, जो मच्छर के काटने से फैलता है। इस मच्छर के काटने से संक्रमित होने वाले अधिकतर लोगों में किसी तरह के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। लेकिन, करीब 5 से 1 संक्रमित व्यक्ति को बुखार, शरीर में दर्द, सिर दर्द और फ्लू की तरह लक्षण महसूस हो सकते हैं। वेस्ट नाइल वायरस नर्वस सिस्टम को संक्रमित करता है। इसकी वजह से मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में सूजन हो सकती है। साथ ही, यह मेनिनजाइटिस यानी दिमागी बुखार का कारण भी बन सकता है।
वेस्ट नाइल वायरस के लक्षण – Symptoms Of West Nile Virus In Hindi
वेस्ट नाइल वायरस से संक्रमित होने के बाद व्यक्ति को बुखार होने पर आगे बताए लक्षण महसूस हो सकते हैं।
- मांसपेशियों में दर्द होना
- मितली और उल्टी
- दस्त
- सिर में तेज दर्द
- लसीका ग्रंथि (lymph node) में सूजन
- आंखों में दर्द करना
- गला खराब होना
कुछ रोगियों में यह संक्रमण गंभीर हो सकता है। इसके गंभीर होने पर दिखाई देने वाले लक्षण –
- तेज बुखार (103 डिग्री तक)
- मांसपेशियों में कमजोरी
- गर्दन में अकड़न
- दौरे पड़ना
- पैरालाइसिस (लकवा पड़ना)
- कोमा में जाना, आदि।
वेस्ट नाइल वायरस से बचाव कैसे करें – Prevention Tips Of West Nile Virus In Hindi
वेस्ट नाइल वायरस से संक्रमित होने से बचने के लिए आपको मच्छरों से दूरी बनानी होगी। वेस्ट नाइल वायरल के जोखिम को कम करने के लिए आप आगे बताए उपायों को अपना सकते हैं।
कीट नाशक का इस्तेमाल करें
बाहर जाने से पहले शरीर को पूरा कवर करने वाले कपड़े पहनें। अगर, संभव हो तो कपड़ों को कीट नाशक (insect repellent) को स्प्रे करें। साथ ही, जहां पर पानी भरा हुआ हो उस जगह पर जानें से बचें।
रात में बाहर न निकलें
दरअसल, सूर्यास्त के बाद मच्छर तेजी से बाहर आते हैं। ऐसे में आप फिलहाल कुछ दिनों के लिए बाहर जाने से बच सकते हैं। यदि, बहुत जरूरी काम हो तो शरीर को पूरा ढककर ही बाहर निकलें।
घर के आसपास जमा पानी को हटाएं
मच्छर अक्सर घर के आसपास जमा हुए पानी में पनपते हैं, ऐसे में आप घर के आसपास जमा पानी को हटाएं। इससे मच्छर पनपने की संभावना कम होगी। साथ ही, वेस्ट नाइल वायरस का जोखिम भी कम होगा।
घर के दरवाजें व खिड़की को बंद रखें
शाम होने से पहले आप घर के दरवाजों और खिड़की को बंद रखें। इससे मच्छर घर में प्रवेश नहीं करेंगे। इसके अलावा, मच्छरों के बचने के लिए आप मच्छरदानी का उपयोग कर सकते हैं।
मास्क पहनें और हाथों को साफ से धोएं
बाहर जाते समय आप फेस को मास्क से कवर करें। रोगी के नजदीक जानें से भी संक्रमण फैलने की संभावना रहती है। ठीक इसी तरह बार-बार हाथ को मुंह या चेहरे पर न लगाएं। बाहर से आने या खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
घर के बाहर की नाली को कवर करें
घर के बाहर खुली नालियों में मच्छर पनपने की संभावना सबसे अधिक होती है। यह मच्छर आपको संक्रमित कर सकते हैं। इनसे बचने के लिए आप घर के बाहर की नालियों को कवर करें।
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वेस्ट नाइल वायरस के लक्षण दिखाई देने पर आप इसे अनदेखा न करें। रोग को समय रहते आसानी से ठीक किया जा सकता है। फिलहाल, इससे संक्रमण से बचने के लिए आप बचाव उपायों को अपना सकते हैं। इससे संक्रमण फैलने की संभावना कम होती है।
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