Supreme Court dismisses review petition in Adan-Hindenburg case | सुप्रीम कोर्ट ने अडाण-हिंडनबर्ग मामले में रिव्यू पिटिशन खारिज की: ग्रुप पर लगे स्‍टॉक प्राइस मैनिपुलेशन की जांच SIT-CBI को ट्रांसफर करने से इनकार किया था

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4 मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में अपने फैसले की रिव्यू पिटीशन खारिज कर दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 3 जनवरी को सुनाए गए फैसले में अडाणी ग्रुप की ओर से स्‍टॉक प्राइस में हेरफेर के आरोपों की जांच SIT या CBI को ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया था।

अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी को सेबी को 24 में से बचे हुए 2 मामलों की जांच के लिए 3 और महीने का समय दिया था। वहीं मामले की जांच को SEBI से लेकर SIT को देने से भी इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने यह फैसला सुनाया।

कोर्ट ने कहा अदालत की शक्ति सीमित
कोर्ट ने कहा कि सेबी के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में दखल देने की इस अदालत की शक्ति सीमित है। सेबी ने 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है। सॉलिसिटर जनरल के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए हम सेबी को अन्य दो मामलों में 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश देते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि OCCPR की रिपोर्ट को सेबी की जांच पर संदेह के तौर पर नहीं देखा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट का मानना ​​है कि जांच को सेबी से SIT को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है। इन्वेस्टर और कारोबारी जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स जैसे लोगों की फंडेड ‘OCCRP’ 2006 में बनी एक इन्वेस्टिगेटिव संस्था है।

कोर्ट ने खारिज की याचिकाकर्ताओं की दलीलें
कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों की ओर से हितों के टकराव के संबंध में याचिकाकर्ताओं की दलीलों को खारिज कर दिया। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि भारत सरकार और सेबी भारतीय निवेशकों के हितों को मजबूत करने के लिए कमेटी की सिफारिशों पर विचार करेंगे।

एक्सपर्ट कमेटी के पुनर्गठन की मांग की गई थी
एक याचिका में एक्सपर्ट कमेटी के पुनर्गठन की मांग की गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा था कि यह कमेटी के साथ बहुत अन्याय होगा और लोग सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त समिति में काम करना बंद कर देंगे। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा था कि मार्केट रेगुलेटर सेबी को सभी मामलों में जांच पूरी करनी होगी।

सेबी के खिलाफ अवमानना ​​की कार्रवाई करने की मांग
SEBI की ओर से रिपोर्ट में देरी के कारण सुप्रीम कोर्ट में सेबी के खिलाफ अवमानना ​​की कार्रवाई करने की मांग को लेकर भी एक याचिका दायर की गई थी। जनहित याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने कहा था कि SEBI को दी गई समय सीमा के बावजूद वह अदालत के निर्देशों का पालन करने में विफल रही है और अपनी फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।

SEBI को 2 पहलुओं पर जांच करने के लिए कहा था

  • क्या सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन रूल्स के नियम 19 (A) का उल्लंघन हुआ?
  • क्या मौजूदा कानूनों का उल्लंघन कर स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर किया गया?

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