Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, जासूसी सैटेलाइट का यह नेटवर्क SpaceX की Starshield यूनिट बनाएगी। इस कॉन्ट्रैक्ट से SpaceX पर अमेरिकी रक्षा विभाग Pentagon का विश्वास बढ़ने का संकेत मिल रहा है। हालांकि, मस्क और अमेरिकी सरकार के बीच यूक्रेन में Starlink के सैटेलाइट्स के इस्तेमाल जैसे मुद्दों पर मतभेद भी रहे हैं।
Starshield के जासूसी सैटेलाइट्स धरती से लो ऑर्बिट पर मौजूद होंगे और इनसे अमेरिका के जमीन पर सैनिकों को सहायता मिलेगी। ये जमीन पर लक्ष्य का पता लगाकर उससे जुड़ा डेटा अमेरिका के मिलिट्री और इंटेलिजेंस अधिकारियों के साथ साझा करेंगे। इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अगर यह कॉन्ट्रैक्ट सफल रहता है तो इससे अमेरिकी सरकार और मिलिट्री की दुनिया भर में अपने लक्ष्यों को खोजने की क्षमता में सुधार हो सकता है।
हाल ही में SpaceX केवल छह घंटों के अंतराल में सैटेलाइट्स के दो लॉन्च किए थे। इनमें से पहले लॉन्च में 23 स्टारलिंक सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट में पहुंचाया गया था। दूसरे लॉन्च में भी 23 सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में पहुंचाए गए थे। ये लॉन्च अमेरिका में फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से हुए थे। इनमें फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से सैटेलाइट्स को लॉन्च किया गया था। स्टारलिंक की कई देशों में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को पहुंचाने की योजना है। अमेरिका समेत दुनिया के कुछ देशों में स्टारलिंक की सर्विस शुरू हो गई है। बड़ी ई-कॉमर्स और टेक कंपनियों में शामिल टेक कंपनी Amazon की भी इस वर्ष की पहली छमाही में इंटरनेट सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना है। Amazon इसके साथ ब्रॉडबैंड इंटरनेट उपलब्ध कराने वाली SpaceX और अन्य फर्मों को टक्कर देगी। इसकी सैटेलाइट इंटरनेट यूनिट Project Kuiper इस वर्ष सैटेलाइट्स की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेगी। इसकी योजना तेजी से इस सर्विस का दायरा बढ़ाने की है। इससे इस सेगमेंट में कॉम्पिटिशन बढ़ सकता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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