Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर बन रहे हैं बेहद दुर्लभ योग, कई गुना प्राप्त होगा फल


सोमवती अमावस्या की तिथि पर पितरों का तर्पण करना बहुत शुभ होता है। इस दिन पितरों को तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

By Ekta Sharma

Publish Date: Sun, 31 Mar 2024 02:45 PM (IST)

Updated Date: Sun, 31 Mar 2024 02:45 PM (IST)

somvati amavasya 2024

HighLights

  1. सोमवार को पड़ने से यह सोमवती अमावस्या कहलाएगी।
  2. सोमवती अमावस्या की तिथि पर दुर्लभ इंद्र योग बन रहा है।
  3. उदया तिथि के कारण सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को मनाई जाएगी।

धर्म डेस्क, इंदौर। Somvati Amavasya 2024: हर महीने अमावस्या तिथि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन आती है। इस वर्ष चैत्र अमावस्या 8 अप्रैल को पड़ रही है। सोमवार को पड़ने से यह सोमवती अमावस्या कहलाएगी। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि सोमवती अमावस्या की तिथि पर पितरों का तर्पण करना बहुत शुभ होता है। इस दिन पितरों को तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसलिए, श्रद्धालु सोमवती अमावस्या तिथि पर गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और भगवान नारायण और पितरों की पूजा करते हैं।

ज्योतिषियों के मुताबिक, सोमवती अमावस्या की तिथि पर दुर्लभ इंद्र योग बन रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में चल रही परेशानियों से छुटकारा मिलता है।

सोमवती अमावस्या शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को दोपहर 3.21 बजे शुरू होगी और 8 अप्रैल को ही रात 11.50 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के कारण सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को मनाई जाएगी।

इंद्र योग

ज्योतिषियों के अनुसार, कई वर्षों के बाद चैत्र अमावस्या पर दुर्लभ और शुभ इंद्र योग बन रहा है। इस योग का प्रशिक्षण शाम 06:14 बजे तक रहेगा। इस योग में पूजा-पाठ और शुभ कार्य किए जा सकते हैं। हालांकि, खरमास में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।

शिव वास

सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव, आदिशक्ति मां पार्वती संग रात 11.50 बजे तक साथ रहेंगे। इस दौरान भगवान शिव की पूजा की जाए, तो हर मनोकामना पूरी होती है। शास्त्रों में बताया गया है कि जब भगवान शिव माता पार्वती के साथ हों, तो रुद्राभिषेक करने से कई गुना फल प्राप्त होता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

  • ABOUT THE AUTHOR

    एकता शर्मा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं और बीते 2 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। डिजिटल मीडिया में काम करने का अनुभव है। साल 2022 से जागरण न्यू मीडिया (JNM) से जुड़ी हैं और Naiduni



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