प्रेगनेंसी में कब पड़ सकती है बेड रेस्ट की जरूरत? जानें डॉक्टर से | situations when bed rest is required during pregnancy in hindi


प्रेग्नेंसी हर महिला के जीवन का सबसे अहम, खुशहाली वाला, लेकिन सेंसिटिव समय होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ में पलने वाले शिशु का सही विकास हो सके, इसके लिए गर्भवती महिलाओं को खास देखभाल की जरूरत पड़ती है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को सही खानपान, आराम और कई बातों का ध्यान रखने के लिए कहा जाता है। कई बार प्रेग्नेंसी में महिलाओं को ज्यादा भागदौड़ करने और काम करने के लिए मना किया जाता है और उन्हें सिर्फ आराम करने की सलाह दी जाती है। 

मेरी दोस्त इन दिनों प्रेग्नेंट हैं और प्रेग्नेंसी की शुरुआत में ही डॉक्टर ने उसे बेड रेस्ट करने की सलाह दी है। मेरी दोस्त की तरह की कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी में बेड रेस्ट करने की सलाह दी जाती है। आइए गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में बेड रेस्ट की जरूरत कब और क्यों पड़ती है?

1. मिसकैरेज का खतरा – Miscarriage Risk

डॉ. आस्था दयाल का कहना है कि कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी की शुरुआत में मिसकैरेज का खतरा ज्यादा होता है। विशेषकर जो महिलाएं पहले मिसकैरेज की स्टेज से गुजर चुकी हैं, उन्हें इसका खतरा ज्यादा होता है। इस स्थिति में प्रेग्नेंसी की शुरुआत के 90 दिनों में सिर्फ बिस्तर पर ही आराम करने की सलाह दी जाती है।

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2. हाई ब्लड प्रेशर – High Blood Pressure

जिन महिलाओं का ब्लड प्रेशर अक्सर हाई रहता है, उन्हें भी प्रेग्नेंसी के दौरान बेड रेस्ट करने की सलाह दी जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि हाई ब्लड प्रेशर से प्री-एक्लेमप्सिया जैसी गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान को जच्चा और बच्चा दोनों के अंगों को प्रभावित कर सकती है। इस स्थिति में डॉक्टर बेड रेस्ट की सलाह देते हैं ताकि ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखा जा सके।

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3. गर्भ में शिशु का धीमा विकास- Intrauterine Growth Restriction

यदि डॉक्टर को यह लगता है कि गर्भ में शिशु का विकास सामान्य से धीमा हो रहा है, तो वह प्रेग्नेंट महिला को बेड रेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं। बेड रेस्ट से शरीर को अधिक आराम मिलता है। इसकी मदद से गर्भ में पलने वाले शिशु को ज्यादा खून की सप्लाई हो पाती है और उसका विकास सुधारने में मदद मिलती है।

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4. प्लेसेंटा प्रिविया- Placenta Previa

प्लेसेंटा प्रिविया वह स्थिति होती है जिसमें गर्भाशय में प्लेसेंटा गर्भाशय के निचले हिस्से में स्थित होता है और गर्भाशय ग्रीवा (cervix) को आंशिक या पूरी तरह से ढक लेता है। इससे रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है, और शिशु के जन्म के समय समस्याएं पैदा हो सकती हैं। ऐसे मामलों में डॉक्टर अक्सर बेड रेस्ट की सलाह देते हैं।

5. समय से पहले प्रसव का खतरा 

कुछ महिलाओं में समय से पहले प्रसव की आशंका होती है, यानी 37 हफ्तों से पहले ही प्रसव के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इस स्थिति में गर्भाशय में संकुचन शुरू हो जाते हैं, जो गर्भ में पलने वाले शिशु के विकास के लिए हानिकारक होता है। इस स्थिति में भी डॉक्टर बेड रेस्ट करने की सलाह देते हैं।

डॉ. आस्था दयाल का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान बेड रेस्ट की आवश्यकता कुछ विशेष स्थितियों में होती है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार बेड रेस्ट करने से प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली परेशानियों को कम करने में मदद मिलती है। 

Image Credit: Instagram



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