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विनोद नायर, रिसर्च हेड, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज2 दिन पहले
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विनोद नायर,रिसर्च हेड, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज
शेयर मार्केट में घरेलू निवेशकों का दबदबा बढ़ रहा है। दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों के अलावा जयपुर, इंदौर, राजकोट, पुणे, हैदराबाद जैसे शहर घरेलू निवेशकों के नए हॉटस्पॉट बन रहे हैं। BSE और NSE के डेटा के मुताबिक सालाना आधार पर बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सबसे ज्यादा रिटेल निवेशक बढ़े।
इस मामले में बिहार अब टॉप-10 में आ गया। सूची में महाराष्ट्र के बाद यूपी 1.96 करोड़ निवेशकों के साथ दूसरे नंबर पर काबिज है। वहीं देश में मई 2019- जुलाई 24 के बीच डीमैट अकाउंट 3.6 करोड़ से 15.1 करोड़ हो गए। SIP निवेश 8,183 करोड़ रुपए से ढाई गुना बढ़कर 20,904 करोड़ रुपए हो गए हैं।
ब्रोकरेज फर्म्स छोटे शहरों में जाकर क्लाइंट जोड़ रहीं, नए निवेशक ऑप्शन ट्रेडिंग से बचें
प्रमुख शहरी इलाकों में नए निवेशक तेजी से नहीं बढ़ रहे थे। ऐसे में ब्रोकरेज फर्म छोटे-छोटे शहरों में जाकर नए क्लाइंट जोड़ रही हैं। इन निवेशकों के जुड़ने से निवेश तेजी से बढ़ेगा। ज्यादातर नए निवेशक फ्यूचर एंड ऑप्शन (एफएंडओ) में पैसा लगा रहे हैं। इसमें ट्रेडिंग करना जोखिम भरा है क्योंकि वैल्युएशन बहुत अधिक हो चुका है।
इस महीने दो बड़े इवेंट हैं। बजट और कंपनियों का जून तिमाही का सीजन शुरू होने जा रहा है। यदि कंपनियों के नतीजे अनुमान के मुताबिक फीके रहते हैं तो बाजार में गिरावट (करेक्शन) संभव है। मौजूदा स्तर पर निवेशकों को पोजीशन कम करनी चाहिए। यानी ऊंचे वैल्युएशन पर मुनाफा वसूली कर पैसा कम कीमत वाले अच्छे शेयरों में लगाना चाहिए।
ब्लूमबर्ग सर्वे: निवेशकों को उम्मीद- दूसरी छमाही में भारतीय शेयर अमेरिका से ज्यादा रिटर्न देंगे
- एशिया में जापान से बेहतर रिटर्न देगा भारत: सर्वे में शामिल दो तिहाई निवेशक मानते हैं कि एशियाई मार्केट इस साल के अंत तक 10 फीसदी के आसपास रिटर्न देगा। एक तिहाई लोगों का मानना है कि एशियाई बाजार में जापान, चीन से अधिक रिटर्न भारत देगा।
- चीन-अमेरिकी तनाव से सुरक्षित रहेगा भारत: अमेरिका-चीन तनाव व अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के प्रभावों से भारतीय बाजार सबसे अधिक सुरक्षित रहेंगे। फेड दर कटौती और सस्ती कीमतों के चलते एशियाई इक्विटीज अमेरिकी शेयरों से बेहतर प्रदर्शन करेगा।
- बढ़ते कॉर्पोरेट मुनाफे व बजट से उम्मीद: ब्लूमबर्ग सर्वे के मुताबिक देश की इक्विटी में रैली साल के अंत तक बनी रहेगी, क्योंकि निवेशकों को उम्मीद है कि कॉर्पोरेट मुनाफा बढ़ेगा और बजट में खपत बढ़ाने के उपाय होंगेे। इससे विदेशी निवेश और तेजी से बढ़ेगा।