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- SFIO Probe Into Sahara Group Companies Ongoing, Says Finance Minister Nirmala Sitharaman
नई दिल्ली14 मिनट पहले
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार (5 अगस्त) को लोकसभा में कहा कि सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) सहारा ग्रुप की कंपनियों से संबंधित मामले की डिटेल्ड जांच कर रहा है। SFIO की रिपोर्ट के बाद ग्रुप पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
लोकसभा में सवाल किया गया कि सहारा ग्रुप की कंपनियों के सभी निवेशक रिफंड का दावा करने के लिए आगे क्यों नहीं आए हैं? इसके जवाब में सीतारमण ने कहा कि सहारा ग्रुप के सभी मामलों की निगरानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जा रही है और सरकार शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुसार काम कर रही है।
SFIO पूरे मामले की जांच कर रहा है: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा, ‘यह सच है कि केवल छोटे निवेशक ही रिफंड का दावा करने के लिए आगे आए हैं। SFIO पूरे मामले की जांच कर रहा है। वह इस बात की भी जांच कर रहा है कि सभी निवेशक रिफंड का दावा करने के लिए आगे क्यों नहीं आए हैं और वे कहां हैं।’
19,650 लोग रिफंड का दावा करने के लिए आगे आए
निर्मला सीतारमण ने कहा कि SFIO के डिटेल्ड एनालिसिस के बाद पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी और कार्रवाई की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि सहारा ग्रुप की कंपनियों में 3.7 करोड़ निवेशक हैं और अब तक 19,650 लोग रिफंड का दावा करने के लिए आगे आए हैं।
17,250 दावों का निपटारा कर दिया गया है
सीतारमण ने कहा कि इन दावों में से 17,250 दावों का निपटारा कर दिया गया है। जबकि बाकी आवेदकों को और कागजात उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, ताकि उनके दावों का निपटारा किया जा सके।
ग्रुप की कंपनियों के मामले में कुछ नहीं कर सकती सरकार
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार चाहकर भी सहारा ग्रुप की कंपनियों के मामले में कुछ नहीं कर सकती, क्योंकि हर चीज पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी है। उन्होंने कहा, ‘हम लगातार सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट कर रहे हैं।
तीन कंपनियों के मामलों की जांच 2018 में SFIO को सौंप दी गई
दिसंबर 2023 में वित्त मंत्रालय द्वारा संसद को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, सहारा ग्रुप की तीन कंपनियों के मामलों की जांच 31 अक्टूबर 2018 को SFIO को सौंप दी गई थी।
ये कंपनियां हैं- सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, सहारा क्यू शॉप यूनीक प्रोडक्ट्स रेंज लिमिटेड और सहारा क्यू गोल्ड मार्ट लिमिटेड। इसके अलावा 27 अक्टूबर 2020 को ग्रुप की छह अन्य कंपनियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे।