कभी क्रीमी तो कभी स्ट्राची नज़र आने वाला ये डिस्चार्ज अन्य दिनों के अलावा सेक्स से पहले और बाद में भी महसूस किया जाता है। जानें व्हाइट डिसचार्ज क्या है और सेकेस से पहले व बाद में होने वाले वेजाइनल डिसचार्ज के कारण।
अक्सर व्हाइट डिसचार्ज को लेकर महिलाओं के मन में कई प्रकार के सवाल उठने लगते हैं। कभी क्रीमी तो कभी स्ट्रेची नज़र आने वाला ये डिसचार्ज अन्य दिनों के अलावा सेक्स से पहले और बाद में भी महसूस किया जाता है। वेजाइना से थिक फॉर्म में निकलने वाले इस लिक्विड के टैक्सचर से लेकर रंग में बदलाव नज़र आता रहता है। सेक्स से पहले और बाद में होने वाले व्हाइट डिसचार्ज के पीछे कई कारण होते हैं। सबसे पहले जानें व्हाइट डिसचार्ज क्या है और सेकेस से पहले व बाद में होने वाले वेजाइनल डिसचार्ज के कारण भी (white discharge during or after sex in female)।
व्हाइट डिस्चार्ज क्या होता है
इस बारे में मैत्री वोमेन की संस्थापक, अब्स्टेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर अंजलि कुमार ने बताया कि योनि से होने वाला सफेद डिस्चार्ज पूरी तरह से सामान्य है। वेजाइना और सर्विक्स में मौजूद ग्लैंड से डिस्चार्ज होने लगता है। सभी महिलाओं में होने वाले व्हाइट डिसचार्ज के रंग, गंध और टैक्सचर में अंतर पाया जाता है। इसकी मदद से वेज़ाइना की स्वच्छता बनी रहती है और लुब्रिकेट रखने में मदद करता है।
इसके अलावा योनि स्राव कई स्वास्थ्य समस्याओं का भी संकेत देता है। सेक्स के दौरान होने वाले डिस्चार्ज के अलावा ओव्यूलेशन पीरियड, प्रेगनेंसी, मेंस्ट्रुअल साइकिल, तनाव और एसटीआई यानि सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के दौरान डिसचार्ज बढ़ने लगता है।
जानते हैं सेक्स से पहले होने वाले व्हाइट डिस्चार्ज के कारण
सेक्स से पहले महिलाओं को व्हाइट डिस्चार्ज होने लगता है, जो पूरी तरह से सामान्य होता है। क्लीयर मिल्की व्हाइट डिसचार्ज योनि के लिए ल्यूब्रिकेंट का कार्य करता है, जो सेक्सुअल इंटरकोर्स में मदद करता है। इससे सेक्सुअल एक्टीविटी आसान होने लगती है।
1. उत्तेजना से होता है व्हाइट डिस्चार्ज
सेक्स मेड जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार जिन महिलाओं में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर नियंत्रित रहता है। उनमें यौन उत्तेजना देखने को मिलती है और वो सेक्सुअल सेशन को ज्यादा एजॉय भी करती हैं। सेक्सुअल अराउज़ होने से व्हाइट डिसचार्ज का होना पूरी तरह से सामान्य है। इसकी मदद से योनि को क्लीन और ल्यूब्रिकेटिड रखने में मदद मिलती है।
2. व्हाइट डिस्चार्ज पीरियड में परिवर्तन से होता है
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को डिस्चार्ज और ब्लीडिंग से होकर गुज़रना पड़ता है। पीरियड साइकल की शुरूआत और अंत में सफेद डिस्चार्ज होना सामान्य है। ये थिक और क्रीमी नज़र आता है। ओव्यूलेशन के दौरान ये क्लीयर और स्टरैची दिखने लगता है।
जानते हैं सेक्स के बाद में होने वाले व्हाइट डिस्चार्ज के कारण
सेक्स के बाद महिलाओं को होने वाले व्हाइट डिस्चार्ज कई समस्याओं का संकेत हो सकता है। सफेद स्त्राव किसी संक्रमण यानि इंफेक्शन का कारण साबित होता है। इस दौरान शरीर से होने वाला डिसचार्ज थिक और दुर्गंध वाला होता है।
1. बैक्टीरियल वेजिनोसिस
वे महिलाएं, जो बैक्टीरियल वेजिनोसिस यानि बीवी का शिकार होती है, उन्हें सेक्स के बाद व्हाइट डिसचार्ज का सामना करना पड़ता है। योनि में बैक्टीरिया के बढ़ने और पीएच के स्तर में वृद्धि होने से व्हाइट डिसचार्ज की समस्या बनी रहती है। सेक्स करने के बाद शरीर से हल्का मटमेला या सलेटी रंग का स्त्राव होता है। इसके अलावा योनि में खुजली और यूरिन पास करने के दौरान जलन महसूस होने लगती है।
2. सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन
अनप्रोटेक्टिड सेक्स के कारण एसटीआई की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके चलते सेक्स के दौरान पार्टनर में संक्रमण के फैलने का खतरा बना रहता है। असुरक्षित सेक्सुअल संबध बनाने से शरीर में कई प्रकार के संक्रमण का खतरा रहता है, जिनके लक्षण एक दूसरे से अलग होते हैं।
क्लैमाइडिया से ग्रस्त महिलाओं को लाइट पेल डिसचार्ज का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा यूरिन पास करने के दौरान दर्द महसूस होता है।
ट्राइकोमोनिएसिस के चलते योनि में खुजली, जलन व रेडनेस बढ़ने लगती है। इस दौरान योनि से होने वाले स्त्राव में मछली की दुर्गंध आने लगती है।
गोनोरिया उस स्थिति को कहते है, जिसमें सामान्य से अधिक व्हाइट डिसचार्ज और यूरिन पास करने के बाद दर्द का अनुभव होने लगता है।
जानें कैसे रखें अपनी योनि को स्वस्थ
पर्सनल हाइजीन का भरपूर ख्याल रखें। सेक्स के बाद यूरिन पास करें और फिर योनि को किसी टिशू या व्हाइप की मदद से क्लीन करना न भूलें। इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है और सेक्सुअल लाइफ हेल्दी रहती है।
डिसचार्ज के बाद अंडरवियर को अवश्य चेंज करें। इस प्रकार संक्रमण के फैलने से बचा जा सकता था। दरअसल, गीला अंडरवियर पहनने से इंफेक्शन तेज़ी से योनि को अपनी चपेट में ले लेता है, जिससे इंचिंग बढ़ने लगती है।
अपने इन्नर वियर यानि पैंटी को आयरन अवश्य करें। इससे पैंटी में मौजूद बैक्टीरिया से राहत मिलने लगती है। साथ ही अंडरवियर को वॉश करने के लिए हार्श केमिकल का प्रयोग करने से भी बचें। इससे योनि का पीएच लेवल असंतुलित होने लगता है।
एसटीआई से बचने के लिए सेक्स से पहले पार्टनर से बातचीत करें और असुरक्षित यौन संबध बनाने से परहेज करें। इससे योनि स्वास्थ्य में यीस्ट इंफ्क्शन, यूटीआई और एसटीआई का खतरा बढ़ने लगता है।