SEBI said- Employees are making up stories of toxic work culture | SEBI​​​​​​​ बोली- टॉक्सिक वर्क कल्चर की कहानी बना रहे कर्मचारी: यह मांग मनवाने की रणनीति, 55% बढ़वाना चाह रहें HRA


मुंबईकुछ ही क्षण पहले

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सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने टॉक्सिक वर्क कल्चर के आरोपों का खंडन किया है। सेबी ने आरोपों को खारिज करते हुए बुधवार को एक बयान जारी किया।

मार्केट रेगुलेटर की ओर से जारी बयान में कहा गया कि कुछ कर्मचारी निगेटिव वर्क एनवायरमेंट की कहानी को हवा देकर संस्था से कुछ भी मनवाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी कई मांगे हैं, उनमें से एक हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में 55% की बढ़ोतरी भी है।

कर्मचारियों ने लीडरशिप में बदलाव की मांग की
हाल ही में सेबी के कर्मचारियों ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र लिखकर टॉक्सिक वर्क कल्चर पर चिंता जताई। कर्मचारियों ने लीडरशिप यानी सेबी चीफ माधवी पुरी बुच पर कठोर भाषा का उपयोग करने, अनरियलिस्टिक लक्ष्य निर्धारित करने और माइक्रोमैनेजमेंट का आरोप लगाया और लीडरशिप में बदलाव की मांग की थी।

ZEE के फाउंडर ने सेबी चीफ पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया था
कल (मंगलवार, 3 सितंबर) ZEE के फाउंडर सुभाष चंद्रा ने SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर पक्षपात, भ्रष्टाचार और अनैतिक व्यवहार का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि SEBI चेयरपर्सन भ्रष्ट हैं, क्योंकि सेबी में पद संभालने से पहले बुच और उनके पति की संयुक्त आय लगभग 1 करोड़ रुपए प्रति वर्ष थी, जो अब 40-50 करोड़ रुपए प्रति वर्ष हो गई है।

कांग्रेस ने SEBI पर तीन जगह से सैलरी लेने का आरोप लगाया
इससे पहले सोमवार को SEBI पर कांग्रेस पार्टी ने भी SEBI से जुड़े होने के दौरान ICICI बैंक समेत 3 जगहों से सैलरी लेने का आरोप लगाया।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ‘माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक SEBI में पूर्णकालिक सदस्य थीं। फिर 2 मार्च, 2022 को माधबी पुरी बुच SEBI की चेयरपर्सन बनीं। SEBI की चेयरपर्सन को नियुक्त करने वाली कैबिनेट में PM मोदी और अमित शाह शामिल हैं।’

उधर, ICICI ने आरोपों को नकार दिया और कहा, ‘बैंक से रिटायर होने के बाद माधवी को कोई सैलरी या एम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन नहीं दिया गया। उन्होंने सिर्फ रिटायरमेंटल बेनिफिट्स लिए।’

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सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चीफ माधबी पुरी बुच कांग्रेस के निशाने पर हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर माधवी पर SEBI से जुड़े होने के दौरान ICICI बैंक समेत 3 जगहों से सैलरी लेने का आरोप लगाया।

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हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट, सेबी चीफ पर आरोप:माधबी पुरी बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर एंटिटीज में थी हिस्सेदारी
अडाणी ग्रुप पर अपनी रिपोर्ट के लिए जानी जाने वाली फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) की चीफ माधबी पुरी बुच पर आरोप लगाए हैं। अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में दावा किया है कि सेबी चीफ के पास अडाणी ग्रुप के जरिए पैसों की हेराफेरी स्कैंडल में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर एंटिटीज में हिस्सेदारी थी। b

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बुच बोलीं- SEBI जॉइन करने से पहले किया था निवेश: हिंडनबर्ग कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की जगह चरित्र हनन कर रहा है हिंडनबर्ग के आरोपों पर सेबी चेयरपर्सन ने कहा है कि आरोपों में जिस फंड का जिक्र किया गया है उसे उन्होंने 2015 में लिया था। तब उनका SEBI से कोई संबंध नहीं था। हिंडनबर्ग के आरोपों के पर माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार (11 अगस्त) को बयान जारी कर आरोपों का खंडन किया। बुच ने बताया कि ये निवेश उन्होंने सेबी में शामिल होने से लगभग 2 साल पहले किया था।

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हिंडनबर्ग बोला- SEBI चीफ ने सफाई में आरोप स्वीकारे:साफ है कि उनका विदेशी फंड में निवेश, अडाणी के भाई ने इससे शेयरों की कीमत बढ़ाई
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने कहा कि हमारी रिपोर्ट पर SEBI चेयरपर्सन माधबी बुच ने प्रतिक्रिया देते हुए कई चीजें स्वीकार की हैं, जिससे कई नए सवाल खड़े हो गए हैं।

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