BareillyOnline.com आपके साथ कभी ऐसा हुआ है क्या जब आप अपने किसी दोस्त से फोन पर बात कर रहे हों और अगले पल जैसे ही आप फेसबुक खोलें तो उसमें उसी चीज का विज्ञापन दिखे जिसके बारे में आप अपने दोस्त से बात कर रहे थे। अगर आप के साथ ऐसा हो रहा है तो सावधान हो जाइए। यह को इत्तेफाक नही है। इसका मतलब है कि आपकी बातों के बारे में फेसबुक को पता है। उसे ये भी पता है कि अपने दोस्त से आप किस बारे में और क्या बात कर रहे हैं।
फेसबुक सुनता है आप की हर बात
कई बार ऐसा होता है कि हम टीवी पर कोई विज्ञापन देख रहे हों और अगले ही पल स्मार्टफोन में उन विज्ञापनों से संबंधित ही विज्ञापन दिखने लगे। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि फेसबुक के ऐप पर आरोप है कि वो लोगों की बातें सुनता है। अपने विज्ञापन को कुछ इसी तरह से लोगों तक पहुंचाता है जो उस सामान के बारे में सोच रहे हों। अगर लगातार ऐसा हो रह है तो ये इत्तेफाक नहीं है। इसका मतलब है कि आपकी सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक आपकी जासूसी कर रहा है।
फेसबुक जासूसी ऐप से रख रहा है नजर
ये जासूसी फेसबुक की ऐप के जरिए हो रही है। जिसमें आप खास कुछ कर भी नहीं सकते हैं। फेसबुक वैसे भी ऐप इंस्टाल करते समय आपकी अनुमति ले ही होता है। जिसमें वो आपके फोन के ऑडियो का इस्तेमाल कर सके। फेसबुक की तरफ से इन आरोपों पर अभी कोई सफाई नही है। वैसे अगर आप रोकना चाहें तो फेसबुक की इस दादागिरी को रोक बी सकते हैं।
ऐसे करें अपने फोन की सेटिंग
आईफोन यूजरों को इसके लिए सेटिंग पर जाना होगा। वहां से वो फेसबुक पर जाएं और उसकी सेटिंग में जाकर माइक्रोफोन को ऑफ कर दें। एंड्रॉइड यूजरों को सेटिंग पर जाना होगा। वो वहां से प्राइवेसी में जाकर फेसबुक को दिए गए एक्सेस को बदलना होगा। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो अपने टेलीफोन ऑपरेटर से बात कर लें।