Reliance ICICI Bank Market Cap Update; HDFC | SBI Market Capitalization 2024 | टॉप-10 कंपनियों में से 8 की वैल्यू ₹1.21 लाख-करोड़ बढ़ी: रिलायंस का मार्केट कैप ₹53,653 करोड़ बढ़ा, ICICI बैंक की वैल्यू ₹23,706 करोड़ कम हुई


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मुंबई11 मिनट पहले

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मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 8 की वैल्यू बीते हफ्ते कंबाइंड रूप से 1,21,270.83 करोड़ रुपए (1.21 लाख करोड़ रुपए) बढ़ी है। इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड टॉप गेनर रही।

हफ्ते भर में कारोबार के दौरान भारत की सबसे वैल्यूएबल कंपनी का मार्केट कैप 53,653 करोड़ रुपए बढ़ा है। अब कंपनी का मार्केट कैप 20.65 लाख करोड़ रुपए हो गया।

रिलायंस के अलावा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), भारती एयरटेल, ITC, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ((TCS), HDFC बैंक, LIC और इंफोसिस का भी मार्केट कैप बढ़ा है।

ICICI बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर की वैल्यूएशन ₹26,901.6‬ करोड़ कम हुई

ICICI बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के कारोबार में बीते हफ्ते गिरावट रही। ICICI बैंक का मार्केट कैप 23,706.16 करोड़ रुपए गिरकर 9.21 लाख करोड़ रुपए रह गया। जबकि हिंदुस्तान यूनिलीवर के वैल्यूएशन में 3,195.44 करोड़ रुपए की गिरावट रही और यह 6.97 लाख करोड़ रुपए पर आ गया।

बीते हफ्ते सेंसेक्स में 1,027.54 अंक की तेजी रही

सेंसेक्स ने शुक्रवार 27 सितंबर को 85,978 और निफ्टी ने 26,277 का रिकॉर्ड स्तर छुआ। ये लगातार 8वां दिन था जब बाजार ऑल टाइम हाई पर पहुंचा। हालांकि, बाद में इसमें गिरावट देखने को मिली और सेंसेक्स 264 अंक की गिरावट के साथ 85,571 पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 37 अंक की गिरावट रही, ये 26,178 के स्तर पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 15 में तेजी और 15 में गिरावट रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 29 में तेजी और 20 में गिरावट रही। जबकि, एक शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुआ। NSE के मीडिया सेक्टर में सबसे ज्यादा 1.55% की गिरावट रही। रियल्टी सेक्टर में 1.19% और बैंकिंग सेक्टर में 1.00% की गिरावट रही। जबकि, ऑयल एंड गैस में सबसे ज्यादा 2.37% की तेजी रही।

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?

मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, उनकी वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटल नंबर को उनकी प्राइस से गुणा करके किया जाता है।

मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है, ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।

मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)

मार्केट कैप कैसे काम आता है?

किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है।

कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है, उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।

मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है? मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।

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